“मोर गांव मोर पानी” अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण हेतु प्रशिक्षण 06 जून तक..

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निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

मुंगेली- भूमिगत जल स्तर में हो रही गिरावट और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न पेयजल संकट की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार राज्य सरकार द्वारा ‘‘मोर गांव मोर पानी’’ महाभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य वर्षा जल के अधिकतम संचयन एवं संरक्षण के माध्यम से जल संकट से निपटना है।

इसी कड़ी में कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिले में 06 जून तक जनपद पंचायतों के विभिन्न क्लस्टरों में जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह प्रशिक्षण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अनुमेय कार्यों के अंतर्गत जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण को बढ़ावा देने हेतु आयोजित किया जा रहा है।


प्रशिक्षण के पहले दिन जनपद पंचायत मुंगेली के जरहागांव, लोरमी के खुड़िया, तथा पथरिया के सिलतरा क्लस्टर में जनप्रतिनिधि, ग्राम रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, सचिव, सरपंच, सीएलएफ, ग्राम संगठन समिति (बिहान), बीपीएम तथा करारोपण अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विशेष रूप से, जरहागांव क्लस्टर में जनपद पंचायत मुंगेली अध्यक्ष रामकमल सिंह स्वयं प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए, जिससे कार्यक्रम को नई ऊर्जा मिली।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को जल संरक्षण पर आधारित फिल्म, वाटरशेड सिद्धांत, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जीआइएस एकीकरण, मृदा एवं जल संरक्षण तकनीक, तथा जन-केंद्रित सहभागी नियोजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर वीडियो एवं प्रस्तुति के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों में डिफंक्ट बोरवेल्स की पहचान कर उसमें सैंड फिल्टर आधारित वर्षा जल संचयन की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा ग्रामीणों को सोखता गड्ढा, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप गड्ढा, भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे कार्यों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रतिभागियों ने जल संरक्षण को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानते हुए वर्षा जल संचयन एवं जल स्त्रोत पुनर्भरण हेतु संरचनात्मक विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने की शपथ ली।

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Author: Deepak Mittal

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