(जे. के. मिश्रा ) रायपुर में आज डीएड-बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने अपनी मांगों को लेकर महाआंदोलन का आयोजन किया है। छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के जिलाध्यक्ष मितेश सार्वा ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी होने के बावजूद हजारों डीएड और बीएड प्रशिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। यह महाआंदोलन उनकी लंबित शिक्षक भर्ती की मांगों के समर्थन में आयोजित किया जा रहा है।
चुनावी वादे अभी भी अधूरे
राज्य की विधानसभा में कई बार शिक्षक भर्ती को लेकर घोषणाएं की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा के पूर्व चुनावी घोषणा पत्र में 57,000 और 33,000 शिक्षकों की भर्ती का जिक्र था। पूर्व शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी विधानसभा में शिक्षक भर्ती की बात कही थी। बावजूद इसके, युवाओं का यह सपना अधूरा ही रह गया। सरकारी उदासीनता से निराश होकर आज हजारों डीएड-बीएड प्रशिक्षित राजधानी में एकत्रित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे
इस आंदोलन के तहत आज प्रशिक्षित बेरोजगार मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। इससे पहले 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर प्रत्येक जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें सरकार को 10 दिन का अल्टिमेटम दिया गया था। इस बीच सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसके बाद 21 सितंबर को महाआंदोलन की घोषणा की गई। संघ के पदाधिकारी श्रवण साहू ने सभी डीएड-बीएड प्रशिक्षितों से आंदोलन में सम्मिलित होने की अपील की है।
प्रदेश भर से आएंगे प्रशिक्षित युवा
इस महाआंदोलन में 33 जिलों से प्रशिक्षित युवक-युवतियों के भाग लेने की उम्मीद है। बेमेतरा जिले से दीनबंधु साहू, कैलाश साहू, सुखदेव, प्रदीप पाठक, दिलेश्वर वर्मा, तारण साहू, डाकवर साहू, हेमराज साहू, संतोष अंचल, राजकुमार, लोकेंद्र कुमार, परमेश्वर पटेल और अन्य युवा आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
छात्र-छात्राओं ने भी उठाई आवाज
शिक्षक भर्ती में देरी से न केवल बेरोजगार युवा बल्कि विद्यार्थी भी प्रभावित हो रहे हैं। कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की शिक्षा बाधित हो रही है। शिक्षासत्र 2024-25 की त्रैमासिक परीक्षाएं नजदीक हैं, लेकिन पर्याप्त शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हाल ही में राजनांदगांव, बिलासपुर, बेमेतरा और अन्य जिलों में विद्यार्थियों ने शिक्षकों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
