जिला शिक्षा अधिकारी पर शिक्षक पड़ा भारी.. आदेश की उड़ाई धज्जियां आखिर किसकी है शह….

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(निर्मल अग्रवाल) :  मुंगेली- वैसे तो मुंगेली शिक्षा विभाग अपने नए-नए कारनामों के नाम से हमेशा से सुर्खियों में रहा है चाहे वह खरीदी बिक्री एवं भ्रष्टाचार का मसला हो चाहे किसी की नियुक्ति या स्थानांतरण का मसला हो हमेशा से शिक्षा विभाग में अधिकारी से लेकर के कर्मचारी तक अपने अजब गजब करनामो से बाज नहीं आते वहीं अगर शिकायत की बात करें तो शिक्षा विभाग की शिकायत की लंबी लिस्ट मिल सकती है।

जिस महीनो बीत जाने पर भी ना ही कोई जांच टीम गठित किया जाता है ना ही कोई कारवाई किया जाता है अगर किसी मामले पर जांच टीम भी गठित कर दिया गया हो तो उस पर जांच रिपोर्ट भी अपने कर्मचारियों को बचाने के पक्ष में ही गया है ऐसे में हजारों शिकायतें विभाग की फाइलों में दबकर रह जाती है जिससे गलत कारनामा करने वाले कर्मचारियों के हौसले और भी बुलंद होते रहते हैं।

जिससे ये मनमाने ढंग से अपने पद का दुरुपयोग करके शासन का पैसा ऐंठ कर मजा लेते रहते हैं वही अगर जिले में शिक्षकों की बात करें तो कई विद्यालय में बच्चे बगैर शिक्षक के लाचार महसूस कर रहे हैं कहने को तो वहां शिक्षकों की गिनती होती है मगर जिस शिक्षक की जिस विद्यालय में गिनती होती है वह शिक्षक वहां न होकर किसी कार्यालय में अपने पहुंच लगाकर पदभार ग्रहण कर लेते हैं और वही कुर्सी में बैठे मजे लेते रहते हैं

वही विगत माह पहले 28 फरवरी 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा आदेश जारी हुवा था जिसमे स्पष्ट रूप से आदेशित किया गया था कि शिक्षको को उनके मूल जगहों पर यथावत वापसी होने की हिदायत भी दिया गया था जिसमे गैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थापना हेतु कार्यमुक्त किये जाने के संबंध में कहा गया था कि राज्य शासन को बहुधा यह शिकायत प्राप्त होती है कि विभाग के शिक्षक संदर्ग के कर्मचारी गैर शिक्षकीय कार्य हेतु विभिन्न कार्यालयों एवं संस्थाओं में सलन है गैर शिक्षकीय संलग्नीकरण से शिक्षण का कार्य प्रभावित होता है।

निर्देशानुसार गैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न सभी शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों का संलग्नीकरण तत्काल समाप्त किया जाकर, उन्हें उनके मूल पदस्थापना शाला में आध्यापन कार्य हेतु कार्यमुक्त किया जाये संलग्नीकरण समाप्त किये जाने संबंधी प्रमाण पत्र 07 दिवस के भीतर संचालक, लोक शिक्षण को अनिवार्यत प्रेषित करें। जो कि यह निर्देश तत्काल प्रभावशील हो तथा। इसका कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करने को कहा गया था।

वही ताजा मामला मुंगेली के पथरिया ब्लॉक के बरछा स्कूल में मूल पदस्थ संजय साहू से जुड़ी है जिसको कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के कार्यालयीन पत्र क्र/13405/समग्र शिक्षा/स्थापना/2024 मुंगेली दिनाँक 26/03/2024 को संजय साहू,सहायक कार्यक्रम समन्वयक, समग्र शिक्षा,जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ को मूल शाला में उपस्थिति देने हेतु आदेश जारी किया गया था। ज्ञात हो कि विभागीय बैठक में कलेक्टर मुंगेली राहुल देव ने संजय साहू ,एपीसी को आबंटित विभागीय कार्यो की समीक्षा में घोर लापरवाही सामने आई थी जिसके कारण जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली ने  26/03/2024 को उन्हें मूल संस्था शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बरछा ,विकासखंड पथरिया,जिला मुंगेली हेतु रिलीव कर दिया गया था मगर मूल शाला जाने के आदेश के बावजूद भी संजय साहू न तो शाला में जॉइन किये न तो किसी जिम्मेदार कार्यालय में जॉइन किये बल्कि अपनी राजनीतिक पहुंच और एक सामान्य शिक्षक होने बावजूद उच्च कार्यालय के आदेश की अवहेलना करते हुए कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली में अपने लिए निर्धारित टेबल पर बैठक फाइल निपटाते भी रहे।

जो उच्च अधिकारी की आदेश की मजाक बनाने जैसा है वही साथ ही साथ इसके वेतन आहरण की भी बात सोचनीय जैसा है जब  संजय साहू को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली से रिलीव कर दिया गया था और उन्होंने अपनी मूल संस्था शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बरछा में जॉइनिंग नही दिया था इस स्थिति माह अप्रैल,मई,जून व  जुलाई 24 का वेतन किस डीडीओ से आहरण हुआ है यह तो जांच का विषय है वही जब पूर्व आदेश का पालन संजय साहू द्वारा नही किया गया तो फिर से आनन फानन में कलेक्टर मुंगेली के निर्देश पर कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली द्वारा पूर्व में जब 26 मार्च 24 को मूल शाला के लिए एकतरफा रिलीव किया जा चुका था तो किस आदेश के तहत उसे कार्यालय में बैठने और महत्वपूर्ण विभागीय फाइलों को निपटाने,शासकीय योजनाओं की जिम्मेदारी दी गई और अब फिर क्या हुआ है कि संजय साहू को मूल शाला जाने के लिए पुनः नवीन आदेश क्र/1680/समग्र शिक्षा/स्थापना/2024 मुंगेली दिनाँक 06/08/2024 जारी किया गया है। यह आदेश स्वम में विरोधाभास पैदा कर रहा है क्योंकि संजय साहू को जब डीईओ कार्यालय में जॉइन ही नही कराया गया है तो फिर पुनः उन्हें किस आधार पर रिलीज होने के लिए आदेश जारी हुआ है।

पूर्व से विवादों में घिरे रहे है संजय साहू….

संजय साहू मूल रूप से मिडिल स्कूल में शिक्षक के पद पर है और वे पथरिया ब्लॉक में पदभार ग्रहण करते ही संकुल समन्वयक बन गए थे। बच्चों को पढ़ाने में उन्हें शुरू से अरुचि रही हैं। संकुल समन्वयक के कार्यकाल के दौरान भी शिक्षको से वादविवाद और अन्य शिकायतें रही है।

चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी कैसे मिली…

लोकसभा चुनाव 2024 में किसके आदेश पर जोनल अधिकारी बनाये गए थे संजय साहू जबकि चुनाव में जोनल अधिकारी केवल सीनियर अधिकारी को बनाया जाता है। जब 26 मार्च  24 को उसे मूल शाला हेतु रिलीव कर दिया गया था तब किस आधार पर उन्हें जोनल अधिकारी की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

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Author: Deepak Mittal

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