निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
सरगांव। विजयदशमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा शनिवार को नगर में भव्य पथ संचलन और सभा का आयोजन किया गया, जो संगठन के शताब्दी वर्ष के उत्सव के रूप में मनाया गया।


स्वयंसेवकों के अनुशासित मार्च और मुख्य वक्ताओं के उद्बोधन से पूरा नगर “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” तथा “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा, जिसने देशभक्ति, एकता और राष्ट्रसेवा की भावना को मजबूती प्रदान की।पथ संचलन दोपहर 3 बजे उन्मुक्त खेल मैदान से प्रारंभ हुआ, जहां पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवक घोष के साथ कदमताल करते हुए नगर के प्रमुख मार्गों और चौक-चौराहों से गुजरे।

हर जगह नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर उनका हार्दिक स्वागत किया, जिससे स्वयंसेवकों में जोश और उत्साह दोगुना हो गया। “संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बड़े चलो” जैसे गीत गूंजते रहे, और क्षेत्र के कोने-कोने से आए नागरिकों ने भाग लेकर अनुशासन व संगठन की मिसाल पेश की।

संचलन के समापन पर स्वयंसेवक पुनः उन्मुक्त खेल मैदान पहुंचे, जहां सभा का रूप ले लिया।सभा की शुरुआत मुख्य अतिथि बाबा परेटन गिरी, जिला संघ चालक नरेश अग्रवाल, मुख्य वक्ता विद्या भारती मध्य क्षेत्र उपाध्यक्ष जुड़ावन सिंह तथा अध्यक्ष ओमप्रकाश जुनेजा द्वारा भारत माता, डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और गुरूजी (माधव सदाशिव गोलवलकर) के चित्रों पर दीप प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना से हुई।

मुख्य वक्ता जुड़ावन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “संगठन शक्ति ही राष्ट्र की वास्तविक ताकत है। हमारे देश में राष्ट्रभक्त, बलशाली और पराक्रमी योद्धाओं की कमी कभी नहीं रही, फिर भी हमें सैकड़ों वर्षों तक परतंत्रता भोगनी पड़ी। इसका प्रमुख कारण था संगठन शक्ति का अभाव।” उन्होंने आगे बताया कि इसी कमी को दूर करने के लिए डॉ. हेडगेवार ने आरएसएस की स्थापना की, जो आज शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर सर्वव्यापी स्वरूप धारण कर चुका है।

जुड़ावन सिंह ने संघ के राष्ट्र निर्माण में योगदान का उल्लेख करते हुए दादरा-नगर हवेली तथा गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने जैसे कार्यों की सराहना की। उन्होंने शताब्दी वर्ष के “पंच परिवर्तन” पर जोर देते हुए कहा कि व्यक्ति, परिवार, समाज, ग्राम और राष्ट्र के समग्र उत्थान से ही भारत विश्वगुरु बनेगा। युवाओं से आह्वान किया कि वे संघ की अनुशासन, निष्ठा और राष्ट्रसेवा की भावना को अपनाएं। मुख्य अतिथि बाबा परेटन गिरी ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रभावना की रक्षा करने वाला संगठन है। यह आत्मगौरव, अनुशासन और एकता का संचार करता है।

यह आयोजन युगाब्द 5127 के अंतर्गत उपखंड कार्यवाहक प्रमोद दुबे के नेतृत्व में आरएसएस के उप मंडल सरगांव द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में नरेंद्र शर्मा, कैलाश सिंह ठाकुर, जुड़ावन साहू, पोषण यादव, परमानंद साहू, रघु ठाकुर, चंद्रशेखर कौशिक काली ,पंकज वर्मा, अनिल दुबे, हैप्पी हूरा, दुर्गेश वर्मा, मनीष साहू, उदित साहू, अशोक ठाकुर, शिव निर्मलकर, तरुण अग्रवाल, कमल अग्रवाल, निखिल कौशिक, राहुल साहू, असद मोहम्मद, नवाब खान, रिजवान हक, प्रभात पांडेय, मनीष शर्मा, विशाल कौशिक, मनोज यादव, गोपाल जुनेजा, टोपी वर्मा, बहोरन वर्मा, लक्ष्मण साहू, वीरेंद्र तिवारी सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, समविचारी नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नगरवासी उपस्थित रहे।

विजयदशमी का यह भव्य आयोजन न केवल आरएसएस की निष्ठा और राष्ट्रसेवा के आदर्शों को रेखांकित करता है, बल्कि सरगांव में देशभक्ति और एकता का संदेश भी प्रसारित करता है, जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा।


Author: Deepak Mittal
