दुनिया में जब संपत्ति के बढ़ने वाले देशों की बात होती है अक्सर अमेरिका और यूरोप का ही नाम लिया जाता है। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। भारत न सिर्फ तेजी से आगे बढ़ रहा बल्कि गरीब अमीर के समानता भी कम हो रही है।
पिछले दो दशकों में भारतीय घरों की संपत्ति कई गुना बढ़ चुकी है और 2024 ने तो मानो नया रिकॉर्ड बना दिए। निवेश से लेकर बीमा-पेंशन और बैंक डिपॉजिट तक हर मोर्चे पर भारतीय मिडिल क्लास पहले से ज्यादा मजबूत हो रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि Allianz Global Wealth Report 2025 बताती है।
2024 का साल भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। दुनिया भर में घरों की संपत्ति बढ़ी, लेकिन सबसे तेज रफ्तार भारत ने दिखाई। Allianz Global Wealth Report 2025 के मुताबिक, भारत के घरों की वित्तीय संपत्ति में 14.5% की बढ़ोतरी हुई। ये पिछले आठ सालों की सबसे बड़ी छलांग है।
भारत बाकी देशों से आगे कैसे निकला?
महंगाई को हटाकर भी देखें तो असली संपत्ति में 9.4% की बढ़ोतरी हुई। लोगों की खरीदने की क्षमता महामारी से पहले के मुकाबले 40% ज्यादा हो गई। 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति नेट वित्तीय संपत्ति 2,818 डॉलर रही, जो 15.6% अधिक है।
पिछले 20 सालों में भारत की प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति करीब 5 गुना बढ़ गई है। सिर्फ 2024 की बात करें तो निवेश में 28.7% की बढ़ोतरी हुई, बीमा और पेंशन में 19.7% की वृद्धि दर्ज की गई और बैंक डिपॉजिट, जो अभी भी कुल संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा यानी 54% हैं, 8.7% की बढ़त हुई। महंगाई निकालकर देखें तो असली संपत्ति में 9.4% की बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा असर लोगों की खरीदने की क्षमता पर पड़ा है, जो अब महामारी से पहले की तुलना में 40% ज्यादा हो गई है। 2024 में भारत की पर कैपिटा इनकम 2,818 डॉलर रही, जो पिछले साल से 15.6% ज्यादा है।
दुनिया में भारत की तुलना
दुनियाभर में भारत की तुलना करें तो भारत ने शानदार रफ्तार दिखाई, लेकिन संपत्ति के मामले में अमेरिका अभी भी सबसे आगे है। 2024 में दुनिया भर में हुई कुल संपत्ति बढ़त का आधा हिस्सा अमेरिका से आया। पिछले 10 सालों में भी अमेरिका का योगदान 47% रहा है, जबकि चीन का 20% और पश्चिमी यूरोप का 12% रहा। Allianz के चीफ इकॉनॉमिस्ट लुडोविक सुब्रान के मुताबिक, लोग भले सोचें कि अमेरिका पीछे जा रहा है, लेकिन असल में वह दुनिया में संपत्ति बढ़ाने में सबसे आगे है। इसके उलट जापान और यूरोप में संपत्ति की वृद्धि काफी धीमी है क्योंकि वहां लोग ज्यादा निवेश नहीं करते और पैसा सुरक्षित तरीकों में ही रखते हैं।
कौन सा निवेश सबसे फायदेमंद?
रिपोर्ट यह भी बताती है कि संपत्ति बढ़ाने का सबसे बड़ा जरिया निवेश है, लेकिन हर देश इसका फायदा बराबरी से नहीं उठा रहा। अमेरिका में लोगों की कुल संपत्ति का 59% हिस्सा निवेशों में है, यूरोप में यह 35% और भारत में फिलहाल सिर्फ 13% है। इसका मतलब है कि भारत में ज्यादातर लोग अभी भी बैंक डिपॉजिट जैसे सुरक्षित तरीकों को ही प्राथमिकता देते हैं, जिसकी वजह से उनकी संपत्ति उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाती। हालांकि, धीरे-धीरे निवेश की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है और इसमें बदलाव दिख रहा है।
भारत में असमानता कितनी बढ़ी
भारत में अमीर और गरीब के बीच का अंतर पिछले कुछ सालों में और बढ़ा है। 2024 में देश के टॉप 10% लोगों के पास कुल संपत्ति का करीब 65% हिस्सा था, जबकि 20 साल पहले यह आंकड़ा 58% था। औसत और मध्य संपत्ति का अंतर भी 2.6 से बढ़कर 3.1 तक पहुंच गया है, जो बताता है कि संपत्ति का बंटवारा असमान हो रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भारत में संपत्ति की कुल रफ्तार काफी तेज रही है। पिछले 20 सालों में भारत की प्रति व्यक्ति नेट वित्तीय संपत्ति 13 गुना बढ़ गई, जो चीन की 12 गुना वृद्धि से भी ज्यादा है।
भारत का मिडिल क्लास लगातार बढ़ रहा है और लोग अब पहले से ज्यादा फाइनेंशियल समझदार हो रहे हैं। सिर्फ बैंक में पैसा रखने के बजाय अब लोग शेयर, म्यूचुअल फंड और पेंशन में निवेश करने लगे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले सालों में भारत की संपत्ति और तेज़ी से बढ़ेगी।

Author: Deepak Mittal
