विप्र पब्लिक स्कूल, रायपुर के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज के करकमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि केवल डिग्री प्राप्त करना ही शिक्षा नहीं है, बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व को संवारने और समाज के प्रति जिम्मेदार बनाने की प्रक्रिया है।
अपने उद्बोधन में राज्यपाल डेका ने विप्र शिक्षा समिति और विप्र कॉलेज के 30 वर्षों की शिक्षायात्रा को गौरवपूर्ण बताते हुए सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह ज्ञान, सेवा और संस्कृति का संगम है।
राज्यपाल डेका ने कहा कि “आज जब पूरा विश्व डिजिटल क्रांति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो आधुनिकता के साथ-साथ हमें हमारी जड़ों और भारतीय जीवन मूल्यों से भी जोड़े रखे।
राज्यपाल ने डेका कहा कि भवन कैसा है यह न देख हुए वहां कैसी शिक्षा मिल रही है यह देखा जाए। हमे ऐसी शिक्षा देना है जो स्थानीय भाषाओं और सांस्कृतिक समझ के साथ-साथ विज्ञान, गणित और तकनीकी शिक्षा को समन्वित करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नव-निर्मित भवन आने वाले वर्षों में शिक्षा की गुणवत्ता का प्रतीक बनेगा।
डेका ने कहा कि देश में गुरूकुल परंपरा को स्थापित करने में ब्राह्यण समाज का बहुत बड़ा योगदान है। ब्राह्यण समाज ने सदैव शिक्षा और नैतिकता तथा सामाजिक मार्गदर्शन को अपना कर्त्तव्य माना है।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने अपना आर्शीवचन दिया। कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, रायपुर की महापौर मती मीनल चौबे, पूर्व मंत्री रवींद्र चौबे ने भी अपना संबोधन दिया।
इस अवसर पर संतगण सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक, विद्यार्थी और विप्र समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Author: Deepak Mittal










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