निको को तालाब देने का मामला फिर विवादों से घिरा, विरोध के बाद भी पंचायत प्रतिनिधियों ने भरी हामी..

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Deepak Mittal

रायपुर। धरसीवां जनपद अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत गिरौद हमेषा से किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में रहा है। वहीं 14 अक्टूबर सोमवार को जायसवाल निको सिलतरा की तालाब के बदले जमीन अदला-बदली की मांग पर पंचायत के कमरे में ग्राम सभा रख गांव के निस्तारी तालाब को देने आनन-फानन में सहमती देने सहमती और असहमत वाले ग्रामीणों से हस्ताक्षर करवाया गया।


मिली जानकारी के अनुसार बीते कुछ माह पूर्व जासयवाल निको सिलतरा द्वारा अपने प्लांट से लगे गिरौद के निस्तारी तालाब सुनहर बंधान तालाब की मांग बीते कई सालों से की जा रही है, जिसे लेकर उस समय काफी विवाद के बाद तालाब को नहीं देने ग्रामीणों ने अपनी बात रखी थी।

वहीं उसी मांग को पुनः निको द्वारा रखते हुए पंचायत को 25.07.2024 की तिथि में एक पत्र भेज कर 1.951 हेक्टेयर षासकीय भूमि के बदले निजी जमीन देने की मांग की गई है।

जिसे देने की हडबडी में पंचायत द्वारा ग्राम सभा का आयोजन खुले में करने के बजाय पंचायत के भीतर कमरे में कर सहमती देने विचार कर रही है। ज्ञात हो कि उक्त निस्तारी तालाब पर निको की बीते कई साल से निगाह है। ग्रामीणों की माने तो उक्त जमीन निको के लिए हीरे के समान है जिसके मिलने पर निको को बहुत ही फायदा होगा।

वहीं तालाब को लेकर जायसवासल निको प्लांट दूसरी जमीन पर खेल मैदान बनाकर देने की बात कही जा रही है, वहीं निको पूर्व में गिरौद के खेल मैदान को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है, जिसे आज तक ग्रामीणों को वापस नहीं लौटाया यह बात अब ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही।


सोमवार को पंचायत में आयोजित कथित आम सभा में सरपंच, पंच सहित कुछ ग्रामवासी भी उपस्थित रहे, साथ ही इसमें प्रबंधन की ओर से किसी अधिकारी को नही भेजा गया था, इतना ही नहीं निस्तारी तालाब को प्लांट को देने जब चर्चा हुई तो विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी।


निस्तारी तालाब को मांग रहा है निको
जायसवाल निको जिस तालाब की मांग पंचायत से कर रहा है वह गांव की आबादी बस्ती से लगा हुआ निस्तारी तालाब है, उक्त तालाब में बीते कई साल से मनरेगा का भी काम हुआ है। तालाब को अगर प्लांट को दिया जाता है तो उक्त बस्ती पर बहुत ही बुरा प्रभाव पडेगा।

सहमति पर फूटे पटाखे

उक्त ग्राम सभा के बाद माहौल बनाने सहमती देने वालों की ओर से पंचायत के बाहर पटाखे भी फोडे गए। जबकि विरोध करने वाले बाकी ग्रामीण विरोध के बाद पंचायत से बाहर निकल गए, वहीं जो बैठक में उपस्थित नहीं थे उनका भी हस्ताक्षर सहमती के लिए जाने की चर्चा है। वहीं विपक्ष वाले जो बैठक में थे उनमे से कई लोगों के हत्सताक्षर नहीं है। जानकारों का कहना है कि इस तरह के मामलों में पंचायत को पहले उक्त ग्राम सभा के लिए गांव के किसी व्यक्ति को बतौर अध्यक्ष नियुक्त करना होता है, उसके बाद ही आगे की प्रक्र्रिया की जाती है, जबकि यहां ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।

25 साल में निको ने अब तक नहीं किया गांव का विकास

ग्रामीणों का कहना है कि निको ने बीते 25 साल में अब तक जब से निको की स्थापना हुई है तब से अब तक गांव के हित में कुछ भी काम नहीं किया है, वहीं अब प्लांट के विस्तार के लिए गांव के निस्तारी तालाब को लेने नजरें गडाए बैठा है, इसे लेकर ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है।


25.07.2024 की मांग पर अब हो रही ग्राम सभा

ग्रामीणों ने बताया कि सुनहर बंधान तालाब की अदला बदली के लिए निको ने बीते 3 माह पहले आवेदन पंचायत को दिया था, लेकिन पंचायत द्वारा इतने दिनों बाद इसे लेकर ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिसे लेकर लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है वर्तमान में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है ग्रामीणों का कहना है कि जिसके चलते व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ग्राम सभा रखी गई थी।

उक्त मामले को लेकर धरसीवां सीईओ ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, इस संबंध में जनपद को सूचना देना था, आगे की जानकारी लेकर ही कुछ बता पाउंगी। – अनीता जैन
सीईओ धरसीवां

मत विभाजन के तहत निर्णय हुआ है, पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपना पक्ष रखा- षांति वर्मा
सरपंच, ग्राम पंचायत गिरौद

कोई जानकारी नहीं है

मुझे इस संबंध में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है, सूचना दिया जाना था – जयेन्द्र सिंह तहसीलदार, धरसीवां

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Author: Deepak Mittal

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