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सरगांव- नगर पंचायत सरगांव में श्रवण देवांगन के निवास पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान कथा वाचक पंडित ब्रजेश शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की रोचक कथा का वर्णन किया, जिसने उपस्थित भक्तों को भक्ति के भाव से सराबोर कर दिया।
इस कथा में महाराज ने महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन श्रीकृष्ण का गोपियों के निकट जाना और उनसे प्रेम का भाव पूरी तरह वासना रहित था, जो शुद्ध भक्ति का प्रतीक है।
*रुक्मिणी विवाह की कथा*
रुक्मिणी विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री थीं और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार मानी जाती हैं। उनका विवाह भगवान श्रीकृष्ण के साथ निर्धारित था, लेकिन उनकी भाई रुक्मी ने उन्हें राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से विवाहित करने का प्रयास किया।
रुक्मिणी ने अपना हृदय श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था। अंततः भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया और द्वारका में उनका विवाह संपन्न कराया, जो प्रेम और भक्ति का अनुपम उदाहरण है।
*श्रीमद भागवत कथा का महत्व*
श्रीमद भागवत कथा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, लीलाओं और कार्यों का विस्तृत वर्णन करती है। यह कथा भक्तों को भगवान की भक्ति और प्रेमपूर्ण भावना से जोड़ती है, जिससे वे अपने दैनिक जीवन में इसका अनुसरण कर सकें। सरगांव में चल रही यह कथा स्थानीय भक्तों के बीच विशेष उत्साह का केंद्र बनी हुई है।

Author: Deepak Mittal
