रायगढ़ से शुरू हुआ बड़ा बदलाव! क्या सच में महिलाओं के हाथों में आएगा कुपोषण मिटाने का मंत्र?

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को साकार करते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को फिर से पूरक पोषण आहार “रेडी-टू-ईट” निर्माण का जिम्मा सौंपा है। इस महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है।

हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का काम तेज़ी से पूरा किया गया और अब ग्राम पंचायत कोतरलिया से “रेडी-टू-ईट” उत्पादन का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया है।

इस मौके पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने स्वयं मशीन चलाकर उत्पादन प्रक्रिया का निरीक्षण किया और गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रायगढ़ से शुरू हुई यह पहल जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू होगी और अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल बनेगी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा—
“यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगी और आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। हमारा लक्ष्य है देशभर में 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार करना और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”

फिलहाल रायगढ़ जिले के 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए चयनित 10 महिला स्व-सहायता समूह इस उत्पादन को संचालित करेंगे। इन समूहों को PMFME योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी दी गई है।

पहले चरण में यह परियोजना रायगढ़ सहित बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा और सूरजपुर में शुरू की गई है। रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने रेडी-टू-ईट का उत्पादन प्रारंभ किया है। यह कदम न केवल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य सुधार में भी अहम भूमिका निभाने जा रहा है।

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Author: Deepak Mittal

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