11 सेकेंड की चूक से 265 लोगों की मौत! ‘गियर अप’ बना मौत का संकेत – अहमदाबाद हादसे का खुलासा रौंगटे खड़े कर देगा

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12 जून को भारत ने उस भयावह क्षण का सामना किया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर AI-171 की अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान ने कुछ ही मिनटों में 265 जिंदगियों को छीन लिया।

अब इस दिल दहला देने वाले हादसे को लेकर जो खुलासे हो रहे हैं, वो रौंगटे खड़े कर देने वाले हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि टेकऑफ के महज 11 सेकेंड बाद कॉकपिट में हुई एक चूक – ‘गियर अप’ का कमांड सुनने के बाद गलत लीवर खींचने की आशंका जताई गई है। इस भयानक हादसे में 265 लोगों की जान चली गई। विमान में कुल 242 यात्री और क्रू सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि मेडिकल हॉस्टल के 24 लोग भी हादसे की चपेट में आकर मारे गए। सिर्फ एक यात्री विश्वास कुमार रमेश ही इस हादसे में जीवित बच पाए, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

हादसे के कारणों को लेकर शुरू हुई तकनीकी जांच

दुनियाभर से विमानन विशेषज्ञ इस दुर्घटना के कारणों की जांच में जुटे हैं। अमेरिकी और ब्रिटिश जांच एजेंसियां भी भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर हादसे की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। इस बीच एक कमर्शियल पायलट और यूट्यूबर कैप्टन स्टीव ने इस दुर्घटना को लेकर एक चौंकाने वाला विश्लेषण पेश किया है।

क्या लैंडिंग गियर की जगह खींच लिए गए विंग फ्लैप्स?

कैप्टन स्टीव का मानना है कि यह हादसा टेकऑफ के तुरंत बाद हुई एक मानव-त्रुटि की वजह से हुआ हो सकता है। उनके अनुसार, संभवतः मुख्य पायलट ने सह-पायलट को ‘गियर अप’ यानी लैंडिंग गियर ऊपर खींचने का निर्देश दिया होगा। लेकिन सह-पायलट ने गलती से लैंडिंग गियर की बजाय विंग फ्लैप्स को ऊपर खींच लिया।

क्या होते हैं विंग फ्लैप्स और क्यों हैं अहम?

विंग फ्लैप्स वो नियंत्रण उपकरण होते हैं जो विमान के पंखों के किनारों पर लगे होते हैं। टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इन्हें नीचे की ओर फैलाया जाता है ताकि विमान को अधिक लिफ्ट मिले और वह सुरक्षित गति से ऊपर उठ सके या नीचे उतर सके।

कैप्टन स्टीव का तर्क है कि टेकऑफ के तुरंत बाद फ्लैप्स को ऊपर खींचने से:

  • विमान की लिफ्ट खत्म हो जाती है
  • स्पीड और ऊंचाई अचानक गिरती है
  • और इससे विमान तेजी से नीचे की ओर गिरने लगता है यदि ऐसा सच में हुआ, तो यही तकनीकी चूक इस भीषण त्रासदी का कारण बनी हो सकती है।

जांच एजेंसियों की जांच जारी

घटना के बाद अमेरिकी एजेंसी NTSB और ब्रिटेन की विमानन सुरक्षा एजेंसी AAIB भारत की DGCA के साथ मिलकर हादसे की जांच में जुटी हुई हैं। माना जा रहा है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से यह स्पष्ट हो पाएगा कि टेकऑफ के वक्त पायलटों के बीच क्या संवाद हुआ और विमान के नियंत्रण प्रणाली में कौन सी गतिविधि अंतिम रूप से हुई।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी दुखी

इस हादसे में पुर्तगाल, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के नागरिकों की भी मौत हुई है। इन देशों ने भारत को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। खास तौर पर ब्रिटेन और पुर्तगाल की टीमें भी भारत पहुंच चुकी हैं और हादसे से जुड़े पीड़ितों के परिजनों से संपर्क कर रही हैं।

बचा सिर्फ एक, विश्वास कुमार रमेश

हादसे के इकलौते सर्वाइवर विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि हादसे के वक्त उन्हें भी लगा कि उनकी जान नहीं बचेगी, लेकिन होश आने पर उन्होंने सीट बेल्ट खोली और किसी तरह मलबे से बाहर निकलकर पास ही खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचे। विश्वास के साथ उनका भाई अजय भी सफर कर रहा था, जिसकी इस दुर्घटना में मौत हो गई।

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Author: Deepak Mittal

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