दल्लीराजहरा नगर और आसपास के ग्रामों में इन दिनों बंदरों का आतंक इस कदर हावी हो गया है कि लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं। बाजार, गलियां, मोहल्ले, छत और आंगन हर जगह बंदरों के झुंड का कब्जा है।
सुबह से शाम तक उनका उत्पात इस हद तक बढ़ गया है कि बच्चे घर से निकलने में डरते हैं, महिलाएं रसोई में चूल्हा-चक्की संभालने के साथ डंडा पकड़े बैठी हैं और बुजुर्गों को तो बाहर निकलना भी दुश्वार हो गया है।
हमले से दहशत, घायल हो रहे लोग,
स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदर न केवल छतों और दीवारों पर चढ़ते हैं, बल्कि कई बार घर की सीढ़ियों से उतरकर सीधे कमरों में घुस आते हैं और अचानक पीछे से हमला कर देते हैं। अब तक कई बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को काटकर घायल करने की घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ लोग तो बंदरों से बचने की कोशिश में सीढ़ियों या छत से गिरकर गंभीर रूप से जख्मी भी हो गए हैं।
वन विभाग का रवैया सवालों के घेरे में,,
हालांकि नगरवासी और ग्रामीण लगातार इस समस्या की शिकायत स्थानीय प्रशासन और वन विभाग तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन नतीजा ‘ढाक के तीन पात’। वन विभाग के अधिकारी न तो कोई अभियान चला रहे हैं और न ही कोई स्थायी समाधान खोज रहे हैं। लोग अब सवाल उठाने लगे हैं — क्या वन विभाग केवल कागजी काम तक सीमित हो गया है? क्या जनता की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी नहीं?
जनप्रतिनिधि भी मौन
वन विभाग की तरह स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस समस्या पर चुप्पी साधे बैठे हैं। नगर के लोग खुलेआम कहने लगे हैं, “दल्लीराजहरा में इंसान नहीं, बंदरों की सरकार चल रही है।” कई मोहल्लों में तो हाल यह है कि महिलाएं समूह बनाकर बाजार जाती हैं ताकि बंदरों से बचाव किया जा सके।
दहशत का आलम
सुबह-सुबह ही बंदरों के झुंड बाजार और घरों की छतों पर कब्जा कर लेते हैं।
खाना बनाते समय महिलाएं डंडा पकड़े बैठती हैं।
बच्चों को अकेले बाहर भेजना मानो खतरे को न्योता देना है।
बुजुर्ग दिन का ज्यादातर समय घर के भीतर बिताने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों की मांग
नगरवासियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही बंदरों के आतंक पर काबू नहीं पाया गया, तो वे बड़े पैमाने पर सड़क पर उतरकर वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। लोगों का कहना है — “हम बंदरों से नहीं, लापरवाही से डर रहे हैं।”
जिला वनमंडाधिकारी अभिषेक अग्रवाल कहते हैं बंदरों के उत्पाद किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है वन विभाग की टीम को निर्देशित किया गया है कि बंदरों से हमला करने वाले क्षेत्र पर सुरक्षा को लेकर इंतजाम किए जाएं,!

Author: Deepak Mittal
