नई दिल्लीः सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपने सभी मॉडलों की कीमतों में 18,024 रुपये तक की कटौती करेगी। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसएमआईपीएल) ने एक बयान में कहा कि 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी संशोधित कीमतों के साथ ग्राहक अब इस बचत का आनंद ले सकते हैं।
इसके तहत विभिन्न मॉडल के आधार पर अधिकतम लाभ 18,024 रुपये तक होगा। कंपनी ने कहा कि दोपहिया वाहनों के साथ ही, कलपुर्जों और अन्य सहायक उपकरणों की लागत में भी कमी आएगी।
एसएमआईपीएल के बिक्री एवं विपणन उपाध्यक्ष दीपक मुटरेजा ने कहा, ”हम भारत सरकार के जीएसटी 2.0 सुधारों का स्वागत करते हैं, जो आम जनता के लिए परिवहन को और अधिक किफायती बनाने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।” उन्होंने कहा कि त्योहारी सत्र से ठीक पहले आए इस फैसले से ग्राहकों की धारणा में और सुधार होगा तथा दोपहिया वाहनों की मांग बढ़ेगी।
सरकार ने जीएसटी दरों में कमी के बाद पैकेजिंग नियमों को आसान बनाया
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कंपनियों के लिए पैकेजिंग और मूल्य निर्धारण नियमों में ढील दी। 22 सितंबर से प्रभावी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कमी के बाद, इसका उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना और उपभोक्ताओं को कम करों का लाभ सुनिश्चित करना है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक परामर्श जारी कर निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को 22 सितंबर से पहले उत्पादित बिना बिके माल पर स्वेच्छा से संशोधित मूल्य स्टिकर लगाने की अनुमति दी है, बशर्ते मूल अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) दिखाई दे रहे हों। सरकार ने कहा कि पुनः स्टिकर लगाना वैकल्पिक है और कंपनियों के लिए अनिवार्य नहीं है।
विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के नियम 33 के माध्यम से दी गई छूट के तहत, कंपनियों को अब नियम 18(3) के तहत पहले की तरह दो समाचार पत्रों में संशोधित एमआरपी प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, निर्माताओं और आयातकों को संशोधित मूल्य सूची केवल थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को ही भेजनी होगी,
जिसकी प्रतियां केंद्रीय और राज्य विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को भेजी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, कंपनियां जीएसटी संशोधन से पहले मुद्रित मौजूदा पैकेजिंग सामग्री का उपयोग 31 मार्च, 2026 तक या स्टॉक समाप्त होने तक, जो भी पहले हो, कर सकती हैं। कंपनियाँ ऐसी पैकेजिंग पर स्टाम्पिंग, स्टिकर या प्रिंटिंग के माध्यम से अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को सही कर सकती हैं। मंत्रालय ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया माध्यमों से डीलर, खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को संशोधित जीएसटी दरों के बारे में सक्रिय रूप से सूचित करें।
परामर्श में कहा गया, ”यह कदम व्यापार करने में आसानी और उपभोक्ता संरक्षण के बीच संतुलन बनाता है,” यह सुनिश्चित करते हुए कि उद्योगों पर अत्यधिक बोझ न पड़े और उपभोक्ताओं को जीएसटी कटौती का अपेक्षित लाभ मिले।

Author: Deepak Mittal
