शिलॉन्ग से बुर्का पहनकर भागी सोनम: राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस के सनसनीखेज खुलासे, दूसरा मर्डर भी था प्लान में

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इंदौर/शिलॉन्ग। इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हत्या की साजिश से लेकर फरारी तक की जो कहानी सामने आई है, उसने पूरे मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया है। पुलिस के अनुसार, हत्या के बाद सोनम रघुवंशी बुर्का पहनकर शिलॉन्ग से फरार हुई थी, ताकि किसी को शक न हो।

बुर्का पहनकर 6 राज्यों की यात्रा, फिर इंदौर में एंट्री

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, राज ने अपने दोस्त विशाल से बुर्का मंगवाया, जिसे सोनम ने पहना और पुलिस बाजार से टैक्सी लेकर गुवाहाटी गई। वहां से बस से सिलिगुड़ी (पश्चिम बंगाल), फिर पटना और आरा, और उसके बाद ट्रेन से लखनऊ, अंत में बस से इंदौर पहुँची। इस तरह वह देश के छह राज्यों को पार करते हुए फरार रही।

हत्या में शामिल था राजा का चचेरा भाई

पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने बताया कि हत्या को अंजाम देने वाले तीनों युवक राजा के दोस्त थे, जिनमें एक उसका चचेरा भाई भी शामिल है। यह हत्या सुपारी किलिंग नहीं थी, बल्कि राज ने खुद अपनी हत्या की साजिश रची थी और दोस्तों से कहा था कि वह उसकी मदद करें। बदले में उन्हें ₹50,000 खर्च के लिए दिए गए थे।

राजा के बाद एक और हत्या की थी योजना

जांच में सामने आया है कि राजा रघुवंशी की हत्या के बाद एक और हत्या की साजिश रची गई थी। योजना थी कि किसी महिला की हत्या कर उसे जला दिया जाएगा, और उसे सोनम के शव के रूप में पेश किया जाएगा। इसके बाद सोनम कुछ दिन तक अज्ञात बनी रहे और अपने अपहरण की झूठी कहानी फैलाकर सहानुभूति हासिल करे। इस खतरनाक प्लान का मास्टरमाइंड राज कुशवाह था, जबकि सोनम ने इसमें सहमति जताई थी।

जांच में ऐसे हुआ खुलासा

सोनम के लापता होने के बीच मेघालय मीडिया ने एक स्थानीय गाइड से बात की, जिसने राजा और सोनम को तीन अन्य युवकों के साथ देखा था। राज ने सोनम से कहा था कि वह सिलिगुड़ी जाकर खुद को अगवा बताने की योजना पर काम करे। लेकिन 8 जून को जब सोनम इंदौर पहुंची, तब तक पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सक्रिय हो चुकी थीं।

जब यूपी में आरोपी आकाश की गिरफ्तारी हुई, तब राज घबरा गया और सोनम से कहा कि वह अपने परिवार को फोन करके अपहरण की झूठी कहानी सुनाए। यहीं से केस में बड़ा मोड़ आया और सोनम गाजीपुर में पुलिस के सामने पेश हो गई।

मृत देह नहीं मिलने की उम्मीद में रची गई योजना

राज और सोनम को लगा था कि हत्यास्थल इतना दुर्गम है कि लाश जल्दी नहीं मिलेगी, और जांच में महीनों लग सकते हैं। इस बीच सोनम अगर खुद को अगवा दिखा देगी तो मामले की दिशा भटक जाएगी। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से यह पूरी साजिश बेनकाब हो गई।

राजा रघुवंशी की हत्या की यह पूरी कहानी केवल एक मर्डर नहीं, बल्कि एक सोची-समझी गहरी साजिश, धोखे और योजनाबद्ध झूठ का जाल है। मेघालय से इंदौर तक फैले इस हत्याकांड की हर परत खुलने के साथ नए रहस्य सामने आ रहे हैं।

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Author: Deepak Mittal

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