(जे के मिश्र ) बिलासपुर/ जमीन अधिग्रहण से जुड़ी राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) की रिट अपील खारिज करते हुए कहा कि किसानों से सहमति लेने की प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया जाए। नए कानून के तहत 75% किसानों की सहमति जमीन अधिग्रहण के लिए अनिवार्य है।
फैसले का महत्व
इस फैसले के बाद राज्य सरकार अब किसानों की सहमति के बिना इस योजना पर आगे नहीं बढ़ सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर धारा 6 का प्रकाशन 1 जनवरी 2014 से पहले हुआ था, तो भू अर्जन अवार्ड एक वर्ष के भीतर जारी किया जाना चाहिए था, जो कि नहीं किया गया। कोर्ट ने समय सीमा के बाद किए गए भू अर्जन को शून्य माना और एनआरडीए को निर्देश दिया कि वह नए कानून के तहत किसानों से पुनः समझौता करे।
फैसले का असर
कोर्ट के इस आदेश के बाद नवा रायपुर परियोजना पर रुकावटें आ सकती हैं, जिससे योजना की लागत बढ़ने की संभावना भी है। किसानों की सहमति के बिना अब यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाएगी, जिसके चलते राज्य सरकार को किसानों से नए सिरे से बातचीत करनी पड़ेगी।
मामले का विवरण
यह मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के आरंग क्षेत्र के रीको गांव का है, जहां 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद था। 2013 में नवा रायपुर के विकास के लिए 128.39 एकड़ जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके तहत कुल 127 किसानों की जमीन अधिग्रहीत की जानी थी। लेकिन 1 जनवरी 2014 को नया अधिनियम लागू हो गया, जिसके बाद किसानों ने 2016 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
किसानों ने अपनी याचिका में यह तर्क दिया कि नए कानून के तहत मुआवजा समय पर नहीं दिया गया, और भू अर्जन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि किसानों को उनके अधिकार के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए और भू अर्जन प्रक्रिया में कानूनी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।

फैसले के प्रमुख बिंदु
नए कानून के तहत 75% किसानों की सहमति आवश्यक है।
भू अर्जन अधिनियम के पुराने प्रावधानों पर भी नए कानून का प्रभाव पड़ेगा।
धारा 6 का प्रकाशन 1 जनवरी 2014 से पहले हुआ था, तो भू अर्जन अवार्ड एक वर्ष के भीतर जारी किया जाना चाहिए था।
समय सीमा के बाद जारी किए गए भू अर्जन अवार्ड को शून्य माना जाएगा।
एनआरडीए को किसानों से पुनः सहमति लेनी होगी।
बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार में राहत
बिलासपुर/ बिलासपुर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बिलासपुर एयरपोर्ट के 4सी विस्तार में सबसे बड़ी बाधा को दूर कर दिया। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सेना की कब्जे वाली जमीन पर एयरपोर्ट विस्तार को हरी झंडी दे दी। कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय की सहमति के बाद अब इस मामले को रोकने की इजाजत नहीं दी और केंद्र एवं राज्य सरकारों से आपसी बातचीत कर मामला सुलझाने का निर्देश दिया।
Author: Deepak Mittal










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