रायगढ़। रायगढ़ के केलो नदी किनारे कयाघाट क्षेत्र में मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार सुबह जब प्रशासन ने निर्माण कार्य के पहले चरण में 20 घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की, तो स्थानीय महिलाओं ने पुलिस बल का रास्ता रोककर विरोध जताया, जिससे पुलिस और ग्रामीणों के बीच झूमाझटकी की स्थिति बन गई।
प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर इलाके में तनाव का माहौल है। बताया जा रहा है कि आगामी चरणों में 100 से अधिक घरों को और तोड़ा जाएगा। पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
नोटिस और विरोध प्रदर्शन
नगर निगम की ओर से कयाघाट के 295 परिवारों को नोटिस जारी किया गया था। इसी के विरोध में शुक्रवार रात सैकड़ों की संख्या में स्थानीय निवासियों ने कलेक्टर बंगले का घेराव कर प्रदर्शन किया। बावजूद इसके, प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि मरीन ड्राइव निर्माण कार्य तय योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा।
शनिवार सुबह 8:30 बजे से प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं मौके पर पहुंचीं और विरोध दर्ज कराया। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीछे हटाया, लेकिन झड़प की स्थिति बनी रही।
अधिकारियों की स्थिति पर प्रतिक्रिया
प्रशासन का कहना है कि यह विकास कार्य जनहित में है और पूर्व सूचना और कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय लोग पुनर्वास और मुआवजे की स्पष्ट व्यवस्था की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि बिना ठोस वैकल्पिक व्यवस्था के तोड़फोड़ से वे बेघर हो जाएंगे।
स्थिति संवेदनशील
वर्तमान में पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है। कलेक्टर कार्यालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि “विकास कार्य के लिए जमीन खाली कराना आवश्यक है, लेकिन किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा।”
निष्कर्ष: कयाघाट में मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जहां प्रशासन अपने फैसले पर अडिग है, वहीं नागरिक पुनर्वास और न्याय की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि समाधान नहीं निकला, तो मामला और तूल पकड़ सकता है।
