रेड कारपेट पर लौटे मुख्यधारा में— कांकेर में 21 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, हथियार सौंपकर दी हिंसा को अलविदा
जंगलवार कॉलेज परिसर में आयोजित आत्मसमर्पण कार्यक्रम में नक्सलियों का रेड कारपेट बिछाकर स्वागत, आईजी पी. सुंदरराज ने संविधान की प्रति भेंट कर दिलाया नया संकल्प
कांकेर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच अब शांति की राह चुनने वालों की संख्या बढ़ रही है। इसी कड़ी में सोमवार को कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
जंगलवार कॉलेज परिसर में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह में सभी नक्सलियों का रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया गया।
बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को संविधान की प्रति भेंट कर मुख्यधारा में शामिल होने का स्वागत किया।
🕊️ “अब बंदूक नहीं, संविधान होगा रास्ता”
कार्यक्रम के दौरान आईजी सुंदरराज ने कहा —
“एक समय नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य थे, जो अब घटकर केवल 6 से 7 रह गए हैं। यह बताता है कि हिंसा का रास्ता खत्म हो रहा है और विश्वास का दौर लौट रहा है।”
उन्होंने दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार छोड़कर शांति का मार्ग अपनाएं, अन्यथा सुरक्षा बल कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
🔫 हथियार सौंपे, नई शुरुआत का वादा
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंपे।
वे कांकेर जिले की दो एरिया कमेटियों से जुड़े हुए थे और कई आईईडी ब्लास्ट, फायरिंग और लूट की घटनाओं में शामिल रहे थे।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने उन्हें विश्वास दिलाया कि आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य की पुनर्वास नीति के तहत सभी आवश्यक सहायता दी जाएगी।
📉 रणनीति में बदलाव का दिखा असर
हाल के महीनों में पुलिस ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए मुठभेड़ की जगह आत्मसमर्पण को प्राथमिकता दी है।
इसी रणनीति का परिणाम है कि इस माह जगदलपुर में 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था।
अब कांकेर में हुए इस आत्मसमर्पण से पुलिस और प्रशासन दोनों को उम्मीद है कि नक्सल हिंसा धीरे-धीरे खत्म होने की दिशा में बढ़ रही है।
Author: Deepak Mittal









