मुंबई दौरे पर प्राक्कलन समिति के साथ रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, इस्पात उद्योग से लेकर एमएसएमई तक कई अहम विषयों पर हुई चर्चा

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रायपुर/मुंबई। रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं संसद की प्राक्कलन समिति के सदस्य श्री बृजमोहन अग्रवाल मंगलवार को समिति के अध्ययन दौरे पर मुंबई पहुंचे, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लिया और औद्योगिक स्थलों का निरीक्षण किया।

इस दौरे में समिति के अध्यक्ष संजय जायसवाल, सांसद नवीन जिंदल, अन्य सदस्यगण और संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।


सेल की कार्यप्रणाली पर चर्चा

सांसद अग्रवाल ने “स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और इसकी सहायक कंपनियों के कार्य संचालन की समीक्षा” विषय पर आयोजित बैठक में भाग लिया। बैठक में इस्पात मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार और सेल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा हुई।
उन्होंने कहा,

“देश के औद्योगिक विकास के लिए इस्पात क्षेत्र में पारदर्शिता, उत्पादन दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को सशक्त करना बेहद जरूरी है।”

इस बैठक में सेल की उत्पादन क्षमता, आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।


एमएसएमई के संवर्धन में बैंकों की भूमिका पर भी हुई बैठक

समिति की अगली बैठक “एमएसएमई और भारी उद्योग क्षेत्र के संवर्धन में बैंकों की भूमिका” विषय पर आयोजित की गई। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों के साथ वित्त मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी भी शामिल हुए।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए बैंकों से कहा कि:

“ऋण प्रक्रिया को सरल और सहानुभूतिपूर्ण बनाया जाए, साथ ही तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।”


BPCL रिफाइनरी का निरीक्षण

मुंबई दौरे के दौरान सांसद बृजमोहन अग्रवाल और समिति के अन्य सदस्यों ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की रिफाइनरी का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने रिफाइनरी की उत्पादन प्रक्रिया, सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय उपायों का जायज़ा लिया।

उन्होंने BPCL द्वारा अपनाई गई नवीनतम तकनीकों और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

अंत में सांसद अग्रवाल ने कहा:

“प्राक्कलन समिति का कार्य केवल व्यय की समीक्षा नहीं, बल्कि संसाधनों के कुशल उपयोग, पारदर्शिता और जनहित की योजनाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।”

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Author: Deepak Mittal

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