हिमाचल में आफत बनी बारिश: मकान ढहने से 5 लोगों की मौत, 1337 सड़कें बंद, सेब बागवानों की बढ़ी मुश्किलें

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Deepak Mittal

हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। मूसलधार बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है, 1,337 सड़कें बंद हैं और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करते हुए राहत पैकेज की घोषणा की है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।मंगलवार को हुई लगातार बारिश से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और मकान गिरने की घटनाएं सामने आईं। सोलन जिले के समलोह गांव में एक महिला की मौत मलबे में दबकर हो गई। कुल्लू जिले के ढालपुर में भी एक मकान गिरने से एक महिला की जान चली गई। अन्य कई स्थानों पर लोग घायल हुए हैं और घरों को नुकसान पहुंचा है।

1,337 सड़कें बंद, 4 राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित

राज्य भर में यातायात बुरी तरह प्रभावित है। कुल 1,337 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। मंडी, शिमला, चंबा, कुल्लू और सिरमौर जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। खासकर शिमला-कालका हाइवे पर भूस्खलन से भारी दिक्कतें आ रही हैं। कई जगहों पर तो आंतरिक सड़कें पिछले कई दिनों से बंद हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थानीय मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि ऊना और बिलासपुर में येलो अलर्ट है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

नुकसान का मुआवज़ा: 7 लाख तक की सहायता

मुख्यमंत्री सुक्खू ने घोषणा की है कि जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें 7 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वहीं जिनके घर आंशिक रूप से टूटे हैं उन्हें 1 लाख रुपये और घर के सामान के नुकसान पर 70,000 रुपये की अलग से सहायता मिलेगी। राजधानी शिमला सहित कई जिलों में सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बुधवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है। शिक्षकों और प्रशासनिक स्टाफ को भी राहत दी गई है और ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प अपनाया गया है।

मणिमहेश यात्रा पर असर, 5,000 श्रद्धालु फंसे

चंबा जिले में भारी बारिश के कारण मणिमहेश यात्रा पर गए लगभग 5,000 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। प्रशासन उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के प्रयास कर रहा है। अब तक इस यात्रा में 16 लोगों की जान जा चुकी है।

सेब किसान परेशान, फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही

हिमाचल प्रदेश में सेब का सीजन चल रहा है लेकिन भारी बारिश और सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण किसान अपनी फसल को बाजारों तक पहुंचाने में असमर्थ हैं। इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। शिमला-कालका हाइवे पर भी ट्रैफिक पूरी तरह ठप है जिससे ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ा है। शिमला-कालका रेलमार्ग पर भी भूस्खलन के कारण रेल सेवाएं 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई हैं। यह मार्ग पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क था। हिमाचल पुलिस में आरक्षी पद के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई है। अब यह प्रक्रिया 24 से 29 सितंबर के बीच होगी। पहले यह 4 से 9 सितंबर के बीच होनी थी।

मानसून में अब तक 3,158 करोड़ का नुकसान

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, इस बार के मानसून में अब तक हिमाचल को 3,158 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अब तक कुल 340 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग लापता हैं। 2180 बिजली ट्रांसफार्मर और 777 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित रही हैं।

कहां कितनी बारिश हुई

  • नैना देवी: 198.2 मिमी
  • मनाली: 89 मिमी
  • रोहड़ू: 80 मिमी
  • मंडी: 78.2 मिमी
  • धर्मशाला: 76.3 मिमी
  • चंबा: 72 मिमी
  • ऊना और केलांग: 57 मिमी

इस बार के हालात 2023 की मानसून आपदा से भी बदतर माने जा रहे हैं। अब तक राज्य में 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 115 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुई हैं।

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Author: Deepak Mittal

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