जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) से जुड़े बहुचर्चित रिश्वतखोरी मामले में हाईकोर्ट ने एक आरोपी को मानवीय आधार पर अंतरिम राहत दी है। हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल आनंद को एक महीने की अंतरिम जमानत मंजूर की है, ताकि वह अपने 13 वर्षीय बेटे के ब्लड कैंसर के इलाज के लिए देखभाल कर सके।
यह मामला SECR के आरएसडब्ल्यू विभाग का है, जहां मुख्य अभियंता विशाल आनंद को झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड से रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसी कड़ी में विशाल आनंद का भाई कुणाल आनंद भी रांची के बिरसा चौक के पास कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक से 31 लाख 93 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
सीबीआई ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराएं 7, 8, 9, 10, 12 और बीएनएस 2023 की धारा 61(2) के तहत केस दर्ज किया है। इस घोटाले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं — मुख्य अभियंता विशाल आनंद, उसका भाई कुणाल आनंद, झाझरिया कंस्ट्रक्शन के एमडी सुशील झाझरिया और कंपनी कर्मचारी मनोज पाठक।
हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल की दलील को सुनते हुए, जिसमें उसने अपने बेटे की गंभीर बीमारी का हवाला दिया, उसे अस्थायी राहत देते हुए एक माह की अंतरिम जमानत प्रदान की है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया है कि मामले की कानूनी जांच पूरी सख्ती से जारी रहेगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
नवभारत टाइम्स की टीम इस हाई-प्रोफाइल मामले की हर अपडेट पर नजर बनाए रखेगी। जुड़े रहें।
