निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली: अचानकमार टाइगर रिजर्व की प्रतिभाशाली युवा कलाकार रागिनी धुरवे ने अपनी अनूठी गोंड चित्रकला से न केवल छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी कला की धाक बिठाई है। भारत सरकार की नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए), नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘साइलेंट कंजर्वेशन: फ्रॉम मार्जिन टू सेंटर’ राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में रागिनी की कृति का चयन किया गया।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में देशभर से लगभग 50 चुनिंदा कलाकारों की रचनाओं को प्रदर्शित किया गया, जिसमें रागिनी की पेंटिंग को पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा उद्घाटन अवसर पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
रागिनी की चित्रकला में अचानकमार के प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगलों, वन्यजीवों और जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक झलक को इतने जीवंत ढंग से उकेरा गया है कि यह दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। उनकी रचना गोंड परंपरा की समृद्धि को दर्शाती है, जहां वन, संस्कृति और संवेदना का अनूठा संगम दिखाई देता है। यह उपलब्धि स्थानीय प्रतिभा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रतीक है।
कला, संस्कृति और परंपरा का जीवंत संगम
अचानकमार टाइगर रिजर्व केवल अपनी जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के लिए जाना जाता है, बल्कि यह जनजातीय कला व संस्कृति का भी समृद्ध केंद्र रहा है। रागिनी की सफलता इस क्षेत्र की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो अपनी जड़ों से जुड़कर वैश्विक मंचों पर पहचान बना रही है। गोंड चित्रकला के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया है कि जंगलों की गोद में भी सृजन की खुशबू उतनी ही ताजा है, जितनी किसी महानगर में।
स्थानीय गौरव, राष्ट्रीय प्रेरणा
रागिनी धुरवे की इस उपलब्धि से अचानकमार क्षेत्र हो या पूरा छत्तीसगढ़, हर कोई गर्व महसूस कर रहा है। यह सफलता राज्य की आदिवासी कला और लोक परंपराओं को नई दिशा देने वाली साबित होगी। जिले के जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और आम नागरिकों ने रागिनी को बधाई दी है तथा अन्य युवाओं को कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। रागिनी की कहानी निश्चित रूप से क्षेत्र के कलाकारों के लिए नई ऊर्जा का संचार करेगी।
Author: Deepak Mittal










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