रायपुर, 29 जुलाई 2025 –
छत्तीसगढ़ में अब स्वास्थ्य सेवाएं केवल सुविधा नहीं, बल्कि संकल्प बन गई हैं। राजधानी रायपुर स्थित सर्किट हाउस में शुरू हुई दो दिवसीय राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया कि अब स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा।
बैठक का आयोजन माननीय स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में और स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया की अध्यक्षता में हुआ। इसमें प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और जिला कार्यक्रम प्रबंधक शामिल हुए।
बैठक में हुए प्रमुख फैसले:
-
सेवाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं: सभी जिलों को निर्देश, हर स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी हों।
-
फील्ड विजिट अनिवार्य: स्वास्थ्य सचिव कटारिया ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए कि वे अपने जिलों के पीएचसी और सीएचसी की जमीनी हकीकत खुद जाकर देखें।
-
स्वच्छता और संवेदनशीलता जरूरी: मरीजों के साथ व्यवहार, दवाओं की उपलब्धता, साफ-सफाई और अधोसंरचना में सुधार अनिवार्य।
-
‘शून्य मातृ मृत्यु’ का लक्ष्य: गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान और उचित देखभाल पर ज़ोर।
-
संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन, नवजात मृत्यु दर में कमी का रोडमैप।
-
डिजिटल टूल्स का उपयोग: निगरानी, सूचना और फीडबैक सिस्टम को और मज़बूत करने की बात।
-
कानूनी प्रकरणों का त्वरित निपटारा भी अनिवार्य किया गया।
बैठक में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला, महामारी नियंत्रण निदेशक डॉ. एस.के. पामभोई, सभी संभागीय संयुक्त संचालक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गहन समीक्षा की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की, जिनमें शामिल थे:
-
मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य
-
पीसीपीएनडीटी अधिनियम
-
किशोर स्वास्थ्य
-
टीकाकरण
-
परिवार कल्याण
-
मलेरिया और टीबी उन्मूलन
कटारिया का स्पष्ट संदेश:
“प्रदेश को टीबी व मलेरिया मुक्त बनाना और स्वास्थ्य संकेतकों को राष्ट्रीय औसत से बेहतर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेवा भावना के साथ कार्य करें और जनता के विश्वास को कायम रखें।”
