(जे. के. मिश्रा ) बिलासपुर के मोपका क्षेत्र वार्ड नंबर 47 रामकृष्ण नगर में बिजली खंभों की अनुपस्थिति के कारण स्थानीय निवासी अपनी जान जोखिम में डालकर बांस के खंभों के सहारे बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल असुरक्षित है, बल्कि हल्की सी हवा में ही ये बांस के खंभे हिलने लगते हैं, जिससे बड़ी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
विकास के बावजूद सुविधाओं की कमी
शहर के बाहरी इलाकों में हो रहे विकास कार्यों के बावजूद अब भी मूलभूत सुविधाओं की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। बिल्डर अवैध प्लॉटिंग कर लोगों को जमीन तो बेच रहे हैं, लेकिन जरूरी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली और पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इसका खामियाजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है, जो अपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं।
बांस के खंभों से बिजली सप्लाई
मोपका के निवासी छबि कुमार ने बताया कि बिजली के खंभों के अभाव में बांस के सहारे बिजली के तार खींचे गए हैं। यह तारें अक्सर ढीली हो जाती हैं और कई बार झूल जाती हैं, जिससे मवेशियों की मौत हो चुकी है। साथ ही, स्थानीय लोगों में भी बिजली के झटके लगने की दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। निवासियों की मांग है कि जल्द से जल्द पक्के बिजली खंभों की व्यवस्था की जाए ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा हो सके।
बिल्डरों की लापरवाही से लोग परेशान
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिल्डर अपने प्रोजेक्ट्स में मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं उठा रहे हैं। बिजली विभाग के नियमों के अनुसार बिल्डरों को बिजली के खंभों के लिए शुल्क जमा करना होता है, लेकिन बिल्डर इसे चुकाने में अनिच्छुक हैं। इसके चलते लोग बांस के सहारे अस्थाई बिजली कनेक्शन पर निर्भर हो गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है।
लोगों की सुरक्षा दांव पर
बिल्डरों की अनदेखी और बिजली विभाग के ठोस कदम न उठाने के कारण यहां की बिजली आपूर्ति व्यवस्था बेहद खतरनाक हो गई है। स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं और वे जल्द से जल्द स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
