शिक्षक दिवस के विशेष मौके पर एक ऐसे शिक्षिका की कहानी जिन्होंने अपने नवाचारी कार्यों से अन्यों के लिए बन रही है प्रेरणा-

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Deepak Mittal

पर्यावरण, गौ-सेवा, शिक्षा, जैविक खेती तथा सामाजिक सेवा में अपनी वेतन की आधी राशि खर्च करती है, उक्त कार्य के लिए पति पत्नी दोनों एक साथ मिल कर सहयोग करते है। पति तुमनचंद साहू हमेशा सहायता करते है और मनोबल बढ़ाते है । हमारा एक ही उद्देश्य है “सेवा परमो धर्म:”  तथा अच्छा इंसान और समाज निर्माण के लिए प्रयास करना  “जो कि नैतिक मूल्यों एवं जीवन आदर्शो पर आधारित शिक्षा से संभव है”

श्रीमती रंजीता-तुमनचंद साहू, शासकीय माध्यमिक शाला लुगे, संकुल- करेली (छोटी), वि. ख. मगरलोड जिला धमतरी छत्तीसगढ़ में 04.02.2009 से कार्यरत है I उनके द्वारा विभिन्न कार्यों जैसे शिक्षा में नवाचारी प्रयोग, सामुदायिक सहभागिता, सामजिक कार्य, पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्य, स्कूल उन्नयन एवं विद्यार्थीयों के विकास के लिए, राष्ट्रीय एकता को मजबूती के लिए विशेष कार्य किये जा रहे है I

अवार्ड में मिले राशि का इस्तेमाल स्कूल में स्मार्ट टीवी लगाने में किया तथा आस पास के अन्य स्कूलों को भी स्मार्ट बनाने के लिए प्रयास किया , पहले अपने बचत राशि का उपयोग किया फिर आवश्यकता होने पर बैंक से 11 लाख रुपये लोन लिया और धमतरी जिले के 151 स्कूलों तक सामुदायिक सहभगिता से स्मार्ट टीवी लगाया जा चुका है। जिसमे 100 से अधिक आदिवासी व वनांचल स्कूल है

2022 में ज्ञानदीप अवार्ड मिला उसमें प्रशस्ति पत्र एवं 7000 की राशि प्राप्त हुई उन्होंने सोचा कि यह राशि उचित जगह खर्च करे और अपने स्कूल में स्मार्ट टीवी लगाने के लिए उस राशि को और अपने से खुद की बचत की राशि के साथ साथ पालकों और शिक्षकों के सहयोग से अपने स्कूल में पहला स्मार्ट टीवी 4 नवंबर 2022 को लगाया। विद्यार्थियों को आसानी से समझा पाने एवं उनकी शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए स्मार्ट टीवी ने काफी योगदान दिया बच्चे बहुत ही उत्साह मनोरंजन के साथ सीखने लगे उसे देखकर यह विचार किया कि यह स्मार्ट टीवी अन्य स्कूलों में भी लगनी चाहिए इस तरह संकुल स्तर में भी प्रयास किया जहां शिक्षकों और पालकों की सहयोग के लिए बात रखी, सब इसके लिए राजी हुए और यह मुहिम धीरे-धीरे करके आज धमतरी जिले के 151 स्कूलों तक स्मार्ट टीवी लगाया जा चुका है। कुछ दिन तक वह अपनी सेविंग्स बचत राशि से स्कूलों को सहयोग करना चालू किया सेविंग खत्म हो जाने के बाद और आवश्यकता पड़ने पर उनके द्वारा बैंक से 11 लाख रुपये का लोन लिया गया।
उन्होंने, पति के सहयोग से स्मार्ट गणित वर्णमाला बनाया जिसमें गणित के बेसिक चीजों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिससे गणित के साथ-साथ बच्चे जीवन में सफलता के मूल मंत्र और प्राकृतिक रक्षा व राष्ट्रीय एकता के बारे में सीख पाएंगे। अब तक स्मार्ट गणित, हिंदी वर्णमाला के फ्लेक्स 250 स्कूलों में दिया जा चुका है व 30000 विद्यार्थियों को स्मार्ट गणित वर्णमाला चार्ट का वितरण किया जा चुका है I प्राकृतिक संरक्षण, जैविक शिक्षा व जल संरक्षण आदि कार्यों में भी हमेशा तत्पर रहती है I

महत्वपूर्ण कार्य :-
1. अब तक कुल 151 स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगाकर सामुदायिक सहभागिता से स्मार्ट कक्षा शुरू की गई
2. 201 से अधिक आदिवासी वनांचल स्कूलों में न्योता भोज दिया जा चूका है
3. 251 से अधिक स्कूलों में अपने द्वारा बने गई गणित वर्णमाला, नैतिक मूल्यों पर आधारित हिंदी गणित वर्णमाला का फ्लेक्स एवं चार्ट अपने स्वयं के खर्च पर बाँट चुकी है
4. 3000 चन्दन के पौधे निशुल्कः लगवाये गए अपने स्वयं के खर्च पर बाँट चुकी है “ प्रकृति हमारा सबसे बड़ा गुरु” चन्दन के बहुमूल्य पौधे आर्थिक एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्वयं के खर्चे पर 3000 चन्दन के पौधे निशुल्कः वितरण विद्यार्थियों को घरों एवं बाड़ी में लगाने के लिए दिए।
5. 1100 पपीता के पौधे स्वयं के खर्च पर विद्यार्थियों को बाँट चुकी है
6. अपने खेत में 1100 से अधिक फलदार वृक्ष लगवाये है
7. 12000 किलो अमरूद विधार्थयों को फ्री में वितरित किया गया है
8. एक पौधा परिवार के स्वास्थ्य के लिए काली हल्दी का औषधीय पौधा 150 विभिन्न स्कूलों के लिए निशुल्क 1111 पौधे वितरित किया है । स्कूल के सभी विद्यार्थियों एवं ग्रामीण जनों को नारियल, काली हल्दी, चन्दन अन्य कीमती पौधे दिए
9. स्वालंबन के लिए बच्चों एवं गाँव के लोगो को निशुल्क बीज वितरण कर जैविक खेती में सहयोग करती है
10. क्षेत्रीय प्रतिभाशालीविद्यार्थियों का सम्मान समारोह का आयोजन करना
11. कोरोना काल, पनीर बनाकर कोरोना वीरों को दिया लगभग 50 किलो पनीर स्वयं बनाकर निशुल्क वितरण किया, आनलाइन क्लास, मोहल्ला क्लास, घरेलु शिक्षा
12. स्कूल की शिक्षा गुणवत्ता के लिए 3 वाईट बोर्ड मेरे स्कूल में लगाया गया है जिससे बच्चों को पढाने, लिखने, लिखाने, समझाने में बहुत आसानी होती है I
13. जो बच्चे आर्थिक रूप से पिछड़े रहते है उनकी मदद करना मेरी हमेशा से प्राथमिकता रहती है I
14. 11000 से अधिक विद्यर्थियों को पेन बाँट चुकी है, निरंतर बच्चों की मदद की जाती है कॉपी, किताब, पेन , ड्राइंग सामान, प्रोजेक्ट सामग्री में  प्रतिवर्ष मेरे द्वारा सहयोग किया जाता है I
15. संकुल के सभी स्कूलों में 65 ट्यूब लाइट बेहतर रोशनी के लिए लगवाये गए
16. ठण्ड से ठिठुरते बच्चों की सुरक्षा के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के सभी ८० बच्चों के लिए स्वेटर का प्रबंध किया
17. साज सज्जा के लिए लड़कियों के लिए ड्रेस की उपलब्धता करवाना I
18. बच्चों को मंच प्रदान करने के लिए म्यूजिक सिस्टम लिया गया जिसमे मेरी आर्थिक सहयोग रही I
19. सामाजिक उत्थान के लिए प्रयास एवं उत्कृष्ट शिक्षा के लिए विधार्थियों को प्रेरित करने के लिए हर संभव प्रयास
20. गायों की सेवा, गोबर से केचुआ खाद बनाकर जैविक खेती कर स्वस्थ जीवन एवं भरपूर स्वाद के लिए बागवानी के तहत मीठे फल, फुल व सब्जियों का स्वयं के द्वारा पर उत्पादन किया जाता है।
                             
लक्ष्य:
1. सामाजिक उत्थान के लिए प्रयास एवं उत्कृष्ट शिक्षा के लिए विधार्थियों को प्रेरित करना
2. शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने के लिए नवाचारी प्रयोग, नारी सशक्तीकरण
3. गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास- आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों के लिए शिक्षा सामग्री उपलब्ध करना
4. पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष प्रयास
5. जल संरक्षण के लिए प्रयास
6. जीवों के प्रति सहानुभूति
7. जैविक खेती के लिए समर्पित
उपलब्धि एवं सम्मान :-
1. मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण योजना के तहत जिला धमतरी ज्ञानदीप पुरस्कार 2022 से सम्मानित
2. गणतंत्र दिवस 2023 जिला स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक से सम्मानित
3. दैनिक भास्कर सेवा एवं समर्पण अवार्ड 2023 जिला स्तरीय सम्मान
4. माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा साहू समाज राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 07.01.2024
5. प्रखर शिक्षा गौरव सम्मान उत्कृष्ट शिक्षकीय कार्य हेतु  07.06.2024
6. जल जगार मिशन में जिला कलेक्टर द्वारा जल संरक्षण, उत्कृष्ट शिक्षण सामग्री के लिए सम्मान
7. प्रदेश स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी प्रकोष्ट साहू समाज द्वारा उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित

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Author: Deepak Mittal

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