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गिरफ्तारी की जिद पर अड़ा पूर्व IAS! कोर्ट में बार-बार सरेंडर की गुहार, मगर पकड़ने वाला कोई नहीं… नान घोटाले से जुड़ा है पूरा राज़

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Deepak Mittal

रायपुर। छत्तीसगढ़ की नौकरशाही और न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा नज़ारा देखने को मिला है, जब एक पूर्व IAS अफसर खुद अपनी गिरफ्तारी देने कोर्ट में भटक रहा है, मगर उसे गिरफ्तार करने कोई एजेंसी तैयार नहीं है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी खुद कह रहा है— “मुझे गिरफ्तार कर लो”, और एजेंसियां हाथ खड़े कर रही हैं।

यह अजीबोगरीब वाकया जुड़ा है छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला से। शुक्ला राज्य के प्रमुख सचिव पद तक रह चुके हैं। बीते दो दिनों से वह रायपुर की अदालत में जाकर सरेंडर की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने कोई आगे नहीं आ रहा। अदालत के बाहर वे घंटों तक बैठे रहते हैं, फिर मायूस होकर लौट जाते हैं।

नान घोटाले से जुड़ा मामला

दरअसल, आलोक शुक्ला का नाम 2015 में उजागर हुए बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में सामने आया था। आरोप है कि उन्होंने जांच एजेंसी ACB के अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में तथ्यों को तोड़-मरोड़ दिया और खुद को बचा लिया। उस वक्त उन्हें जमानत भी मिल गई थी और मामला दबता चला गया।

लेकिन तस्वीर बदल गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले की नई जांच शुरू की। आरोपों के घेरे में आने के बाद आलोक शुक्ला के लिए कानूनी संकट गहराता चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि उनकी जमानत पर तभी विचार होगा जब वे सरेंडर करेंगे

ED का चौंकाने वाला कदम

सरेंडर करने के लिए आलोक शुक्ला रायपुर की अदालत पहुंचे भी, लेकिन इस बार नया मोड़ सामने आया। अदालत में मौजूद ED ने उन्हें कस्टडी में लेने से इनकार कर दिया। अब सवाल खड़ा हो गया है कि जब आरोपी खुद गिरफ्तारी देना चाहता है, तो एजेंसी पीछे क्यों हट रही है?

इस पर ED के अधिवक्ता सौरव पांडे ने मीडिया को जानकारी दी कि एजेंसी की टीम अब दिल्ली से रायपुर पहुंचेगी और अदालत में कस्टडी को लेकर सोमवार को फैसला होगा।

जेल जाना तय!

फिलहाल आलोक शुक्ला का जेल जाना लगभग तय माना जा रहा है। अदालत में अगली सुनवाई पर फैसला होगा कि उन्हें किस एजेंसी की कस्टडी में भेजा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि नान घोटाले से जुड़े कई नए राज़ भी खुल सकते हैं और आने वाले दिनों में नई गिरफ्तारियां व सियासी भूचाल देखने को मिल सकता है।

 क्या आप चाहेंगे कि मैं इस न्यूज़ को और ज्यादा थ्रिलर-क्राइम स्टोरी स्टाइल (जैसे “कोर्टरूम ड्रामा” का माहौल और IAS अफसर की बेचैनी का विस्तार) में लिख दूँ, ताकि यह पाठकों को बिल्कुल फ़िल्मी और रोमांचक लगे?

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Author: Deepak Mittal

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