मुंगेली न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला: छेड़छाड़ और एसटी सदस्य को अपमानित करने वाले आरोपी को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो चीफ मुंगेली 8959931111

मुंगेली: छत्तीसगढ़ के मुंगेली सत्र न्यायालय ने महिला से छेड़छाड़ और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सदस्य को अपमानित करने के मामले में आरोपी बनशु उर्फ बनस यादव को दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 2000-2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

यह फैसला पीड़िता के बयान, गवाहों की गवाही और पुलिस की मजबूत विवेचना के आधार पर दिया गया, जो मामले को संदेह से परे साबित करता है।मामला चौकी खुड़िया थाना लोरमी के अपराध क्रमांक 101/23 से जुड़ा है। आरोपी बनशु उर्फ बनस यादव (उम्र 38 वर्ष), पिता जगत राम यादव, निवासी ग्राम लमनी, ने पीड़िता को एसटी सदस्य जानते हुए अपमानित करने की नीयत से छेड़छाड़ की थी।

आरोपी ने गलत नियत से पीड़िता के हाथ और बांह को पकड़ा और स्पर्श किया, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी नवनीत पाटिल ने उत्कृष्ट विवेचना कर दस्तावेजी साक्ष्य और सबूत एकत्रित किए, जिसके आधार पर चालान न्यायालय में पेश किया गया।न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़) के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

अर्थदंड न चुकाने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(ब) और 3(2)(क) के तहत भी दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास और 2000-2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया, साथ ही अर्थदंड न चुकाने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास।फैसला माननीय सत्र न्यायाधीश मुंगेली पीठासीन गिरिजा देवी मेरावी ने सुनाया।

अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मुंगेली रजनीकांत सिंह ठाकुर ने पैरवी की। आरोपी पहले से ही मुंगेली जेल में निरुद्ध है। यह मामला महिलाओं और एसटी सदस्यों के खिलाफ अत्याचारों पर कड़ी कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो समाज में न्याय की मजबूती को दर्शाता है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment