संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं का व्रत, माकड़ी में कमरछठ का पारंपरिक आयोजन..

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माकड़ी :  (विनोद साहू) : माकड़ी के दुर्गा मंच प्रांगण में हलसष्ठी माता की पूजा के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हुईं। इन माताओं ने संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हुए कमरछठ का व्रत रखा।

इस पवित्र अवसर पर भैंस के गोबर से पूजा स्थल को शुद्ध किया गया और कांशी के फूलों से सजावट की गई। पूजा में विशेष रूप से भैंस के दूध और दही का भोग लगाया गया, जिसे शुभ माना जाता है।

कमरछठ, जिसे हलसष्ठी भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ में एक महत्वपूर्ण पर्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था।

जन्माष्टमी से दो दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व पर माताओं का अपने बच्चों के लिए किया गया यह अनुष्ठान, उनकी अपार ममता और आस्था का प्रतीक है। इस व्रत के दौरान महिलाएं विशेष आहार ग्रहण करती हैं और दिनभर पूजा-अर्चना में लीन रहती हैं।

पूजा के बाद कथा और भजन-कीर्तन का आयोजन भी होता है, जिसमें महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।

इस पर्व के माध्यम से पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण होता है, और आने वाली पीढ़ियों को इनसे जुड़ने का अवसर मिलता है। कमरछठ का यह पावन अवसर, माकड़ी में श्रद्धा और भक्ति के माहौल में सम्पन्न हुआ।

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Author: Deepak Mittal

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