मां ने अंधविश्वास में 15 दिन के नवजात को कुएं में फेंका, आरोपी गिरफ्तार

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कबीरधाम में दिल दहला देने वाली घटना; जन्म से दांत होने को मान लिया अपशगुन, मासूम की हत्या पर पूरे गांव में सदमा

कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बोड़ला थाना क्षेत्र के नवाटोला (रानीदहरा) गांव में एक 23 वर्षीय मां ने अंधविश्वास और पारिवारिक दबाव में अपने 15 दिन के नवजात बेटे की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी महिला समरौतिन बाई बैगा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है।

कुएं में मिला नवजात का शव, पूरे गांव में मचा हड़कंप

22 नवंबर की सुबह गांव के कुएं में एक नवजात का शव दिखा, जिसे देखकर ग्रामीण दहशत में आ गए। सूचना पर बोड़ला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
एसपी धर्मेंद्र सिंह (IPS) के निर्देश पर एएसपी पुष्पेंद्र बघेल, एएसपी पंकज पटेल और एसडीओपी अखिलेश कौशिक के पर्यवेक्षण में पुलिस टीम ने मामले की विस्तृत जांच शुरू की।

पूछताछ में मां ने किया अपराध स्वीकार

हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने समरौतिन बाई से सख्ती से पूछताछ की, जहां उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।
उसने बताया कि:

  • उसका बच्चा लगभग 15 दिन पहले ग्राम मुडघुसरी में जन्मा था।

  • जन्म के समय बच्चे के मुंह में दो दांत थे।

  • परिवार वालों ने इसे अपशगुन और “अशुभ संकेत” मान लिया।

  • मायके नवाटोला आने के बाद परिवार के बहकावे में वह नवजात को कुएं में फेंक आई।

मां की यह स्वीकारोक्ति सुनकर पुलिसकर्मी भी स्तब्ध रह गए।

रिकायेशन, पंचनामा और गिरफ्तारी

पुलिस ने घटना स्थल पर गवाहों की मौजूदगी में रिकायेशन कर पूरी घटना का पुनर्निर्माण करवाया।
वीडियोग्राफी, पंचनामा और साक्ष्य जुटाने के बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया गया।
ग्रामीणों ने भी घटना पर अविश्वास और सदमे की प्रतिक्रिया दी। कई लोगों का कहना था कि अंधविश्वास के कारण ऐसी त्रासदी की उम्मीद किसी ने नहीं की थी।

अंधविश्वास पर पुलिस की सख्त चेतावनी

कबीरधाम पुलिस ने कहा कि:

  • यह घटना गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है।

  • अंधविश्वास के नाम पर किसी भी प्रकार की हिंसा या हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

  • ऐसे मामलों में कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।

अंधविश्वास के खतरे की कड़वी सच्चाई

घटना से यह स्पष्ट है कि अंधविश्वास और सामाजिक दबाव किस तरह किसी परिवार को भयावह कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं।
नवजात का जन्म दांतों के साथ होना एक प्राकृतिक चिकित्सीय घटना मानी जाती है, लेकिन ग्रामीण मान्यताओं ने इसे अपशगुन मानकर मासूम की जिंदगी छीन ली।

स्थानीय लोग, समाज और पुलिस प्रशासन सभी इस घटना को अंधविश्वास के खिलाफ कड़ा सबक मान रहे हैं।

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Author: Deepak Mittal

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