भारत ने शुक्रवार को श्रम कानूनों में एक बड़े और ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की। इस सुधार के तहत 29 पुराने श्रम कानूनों को सिर्फ 4 कोड में समाहित कर दिया गया है। सरकार का दावा है कि यह कदम देश के सभी श्रमिकों — चाहे वे अनौपचारिक क्षेत्र, गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूर या महिलाएं हों — के लिए बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करेगा।
गिग वर्कर्स और कर्मचारियों के लिए नए अधिकार
नए श्रम कोड के तहत गिग और फ्रीलांस श्रमिकों को यूनिवर्सल सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को अनिवार्य नियुक्ति पत्र, न्यूनतम मजदूरी और समय पर भुगतान जैसे अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे। यह कदम भारत के बदलते कार्यबल और नई अर्थव्यवस्था के अनुसार बनाया गया है।
कंपनियों को छंटनी में मिली सहूलियत
सुधारों में कंपनियों को अपने कर्मचारियों की छंटनी के नियम अपने हिसाब से लागू करने की अनुमति भी दी गई है। इससे पहले 100 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी के लिए सरकारी अनुमति लेनी पड़ती थी, अब यह सीमा 300 कर्मचारियों तक बढ़ा दी गई है। मजदूर संगठनों ने इसे लेकर चिंताएं जताई हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह नियम रोजगार सृजन और उद्योगों की लचीलापन बनाए रखने के लिए जरूरी है।
काम के घंटे बढ़ाए गए
फैक्टरी और उद्योगों में काम के घंटे नौ से बढ़ाकर बारह कर दिए गए हैं, जबकि दुकानों और प्रतिष्ठानों में यह समय नौ से दस घंटे किया गया है। यह बदलाव श्रमिक और नियोक्ता दोनों के लिए नियमों को स्पष्ट और आधुनिक बनाने के लिए किया गया है।
चार श्रम संहिताएं
नए कोड चार श्रम संहिताओं में समाहित हैं:
वेतन संहिता 2019 – न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन भुगतान।
औद्योगिक संबंध संहिता 2020 – उद्योगों में श्रमिकों और नियोक्ताओं के संबंध।
सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 – सभी श्रमिकों के लिए PF, ESIC और बीमा सहित सामाजिक सुरक्षा।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता 2020 – कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वास्थ्य।
इन चारों संहिताओं में पहले से मौजूद 29 कानून शामिल किए गए हैं, जिससे नियमों को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाया गया है।
महिलाओं और विशेष श्रमिकों के लिए सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि ये सुधार महिलाओं और युवा शक्ति के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होंगे। इसमें रात की पाली में काम करने वालों की सुरक्षा, 40 वर्ष से अधिक उम्र के श्रमिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच, और ESIC कवरेज का विस्तार शामिल है। इसके साथ ही डिजिटल, मीडिया और गिग श्रमिकों को भी पहली बार पूरी सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिलेंगे।
श्रमिकों के अधिकार और उद्योगों का भविष्य
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नए कोड रोजगार को संगठित करेंगे, श्रमिक संरक्षण मजबूत करेंगे, और उद्योगों के लिए सुरक्षित व सरल वातावरण बनाएंगे। इसमें राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी, स्त्री-पुरुष समान कार्य नीति, तेजी से विवाद समाधान के लिए दो-सदस्यीय न्यायाधिकरण, और राष्ट्रीय व्यावसायिक सुरक्षा बोर्ड जैसे सुधार शामिल हैं।
क्यों है यह बदलाव महत्वपूर्ण
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पिछले दस वर्षों में 19% से बढ़कर 64% से अधिक हो चुका है। नए कोड के तहत सभी श्रमिक — चाहे गिग वर्कर्स हों, डिजिटल मीडियाकर्मी, मंच श्रमिक, स्टंट कलाकार या एग्रीगेटर्स — अब पूर्ण लाभ और सुरक्षा के हकदार होंगे। ये सुधार भविष्य के कार्यबल और मजबूत उद्योगों की नींव रखेंगे, जिससे भारत का श्रम वातावरण और आर्थिक विकास दोनों मजबूत होंगे।
Author: Deepak Mittal









