Kidney Cancer: किडनी कैंसर कोई आम बीमारी नहीं है। इस बीमारी के दौरान कई लोगों की जान भी चली जाती है। ऐसे में इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को इस बीमारी का पता देर से चलता है, क्योंकि इसके लक्षण साफ नहीं होते हैं।
इसके कारण लोग समय पर इलाज नहीं कर पाते हैं। इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। किडनी ट्यूमर चुपचाप और धीरे-धीरे शरीर में फैलता है, और इसका पता देर से चलता है तो यह शरीर के कई अंगों में फैल चुका होता है और इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं कि इसे लेकर मुंबई के जसलोक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ सलाहकार यूरोलॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. संतोष गवली क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ. संतोष गवली कहते हैं, किडनी कैंसर के लक्षण आमतौर पर ट्यूमर को बढ़ावा देते हैं। कई बार ये रक्तस्राव, मेटास्टेटिक बीमारी या पैरानियोप्लास्टिक सिंड्रोम के कारण भी बढ़ सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि कैंसर के कारण होने वाले संकेतों का एक समूह होता है, लेकिन ये सीधे कैंसर से नहीं, बल्कि ट्यूमर से निकलने वाले या ट्यूमर के खिलाफ बदली हुई इम्यून प्रतिक्रिया के कारण भी हो सकते हैं।
किडनी कैंसर के क्या होते हैं लक्षण?
अचानक वजन घटना।
रात को पसीना आना।
बार-बार बुखार होना।
लगातार खांसी रहना।
शरीर के अंगों और हड्डियों में दर्द रहना।
अत्यधिक थकान।
क्या हे इसका इलाज
1. समय-समय पर पेशाब की जांच कराएं।
2. अल्ट्रासाउंड और जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन जरूर करवाएं।
3. इलाज के दौरान ज्यादातर मामलों में किडनी या उसका हिस्सा निकालना पड़ता है, जो खराब हो चुका होता है।
4. वहीं कुछ मामलों में दवाइयां या इम्यूनोथैरेपी द्वारा इलाज किया जाता है।

Author: Deepak Mittal
