ISRO ने अब तक कुल 127 भारतीय उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं। इन उपग्रहों में सरकारी, निजी और शैक्षणिक संस्थानों के मिशन शामिल हैं। इनमें से 22 उपग्रह लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) और 29 जियो-सिंक्रोनस ऑर्बिट में हैं, जिनका स्वामित्व भारत सरकार के पास है।
निगरानी के लिए खास उपग्रह
भारत के पास लगभग एक दर्जन सर्विलांस सैटेलाइट हैं, जिनमें Cartosat, RISAT, EMISAT और Microsat सीरीज के उपग्रह शामिल हैं। ये उपग्रह देश की सीमाओं और दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खासतौर पर बनाए गए हैं।
अगले 5 सालों में लॉन्च होंगे 52 उपग्रह
IN-SPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने हाल ही में बताया कि आने वाले पांच वर्षों में भारत 52 नए सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा। इनका उद्देश्य निगरानी क्षमताओं को और मज़बूत करना है। अब इसरो के साथ-साथ निजी कंपनियों की भी इसमें भागीदारी होगी।
सेना को मिलेगी बड़ी मदद
इन उपग्रहों से भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को रियल टाइम मॉनिटरिंग, सीमाओं की निगरानी और ऑपरेशनों के दौरान बेहतर समन्वय में मदद मिलेगी। यह रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।
EOS-09 की लॉन्चिंग की तैयारी
इसरो 18 मई को EOS-09 (RISAT-1B) नामक रडार इमेजिंग सैटेलाइट को लॉन्च करने जा रहा है, जो सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में तैनात होगा। यह उपग्रह विशेष रूप से भारत की संवेदनशील सीमाओं की निगरानी के लिए काम करेगा।
भारत बनेगा अंतरिक्ष शक्ति
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. नारायणन ने विश्वास जताया कि भारत अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे होने से पहले हर क्षेत्र में ‘महारथी’ बन जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व भारत में कई परियोजनाओं के लिए इसरो की उपग्रह तकनीक सक्रिय रूप से काम कर रही है।
छात्रों को दिया संदेश
नारायणन ने छात्रों से अपील की कि वे सिर्फ डिग्री लेने तक सीमित न रहें, बल्कि समाज को कुछ लौटाने का प्रयास करें। उन्होंने उपग्रह तकनीक को देश के विकास के लिए जरूरी बताया।
Author: Deepak Mittal










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