जे के मिश्र
ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। पेंशनभोगियों के लिए राहतभरी खबर है। अब अगर किसी भी सरकारी पेंशनधारी को समय पर पेंशन नहीं मिलती है, तो बैंक को उसकी भरपाई करनी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि पेंशन में देरी होने पर संबंधित बैंक को उस राशि पर सालाना 8 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा।
आरबीआई का सख्त रुख
आरबीआई के हालिया मास्टर सर्कुलर में कहा गया है कि यदि केंद्र या राज्य सरकार के किसी भी पेंशनभोगी को समय पर भुगतान नहीं किया गया, तो बैंक को तय तिथि के बाद देरी की अवधि के लिए 8% वार्षिक ब्याज दर पर मुआवजा देना होगा। खास बात यह है कि यह मुआवजा पेंशनभोगी को किसी भी प्रकार का दावा किए बिना स्वतः ही दिया जाएगा।
1 अक्टूबर 2008 से होगा नियम प्रभावी
सर्कुलर के मुताबिक, यह नियम 1 अक्टूबर 2008 से लागू माने जाएंगे और तब से लेकर अब तक की सभी देरी पर लागू होंगे। जैसे ही बैंक पेंशन या बकाया राशि प्रोसेस करता है, उसी दिन पेंशनर्स के खाते में ब्याज की रकम भी जमा कर दी जाएगी।
आरबीआई ने दी सलाह – बुजुर्ग पेंशनर्स को मिले बेहतर सेवा
बैंकों को निर्देशित किया गया है कि वे पेंशनर्स को विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को सहानुभूतिपूर्ण और सुविधाजनक सेवा प्रदान करें। एजेंसी बैंकों से अपेक्षा की गई है कि वे बैंकिंग अनुभव को कम जटिल बनाएं और ग्राहकों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं।
बिना देरी के हो पेंशन भुगतान
आरबीआई ने यह भी साफ किया है कि बैंकों को किसी निर्देश का इंतजार किए बिना पेंशन भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि पेंशनर्स को अगले महीने की पेंशन समय पर मिल सके। इस पहल का उद्देश्य पेंशन भुगतान प्रणाली को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है।
पेंशनर्स को मिलेगा अधिकारों का संरक्षण
इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि देशभर के रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को न केवल समय पर पेंशन मिलेगी, बल्कि देरी की स्थिति में भी उन्हें आर्थिक हानि नहीं उठानी पड़ेगी। इससे पेंशन प्रणाली की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में भी सुधार होगा।
