आरंग : आरंग में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के आरोप में बंद हुए साई हॉस्पिटल का नाम बदलकर फिर से वही हॉस्पिटल चलाया जा रहा है। अब इसे ‘राव मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ के नाम से संचालित किया जा रहा है। हॉस्पिटल के संचालक राजू साहू पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बार-बार की गई कार्यवाही के बाद भी अवैध तरीके से हॉस्पिटल चलाने के आरोप हैं। मामले के तूल पकड़ने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मिथलेश चौधरी ने अवैध हॉस्पिटल को बंद कराने का आदेश जारी किया है और आरंग के एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा को एक पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
हॉस्पिटल पर पहले भी हो चुकी है कार्यवाही:
आरंग के कॉलेज चौक पर स्थित इस हॉस्पिटल पर इससे पहले भी लापरवाही के गंभीर आरोप लग चुके हैं। पहले इसे साई समर्थ हॉस्पिटल के नाम से चलाया जा रहा था। आयुष्मान कार्ड के तहत मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने पर हॉस्पिटल पर जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद इसे साई हॉस्पिटल के नाम से चलाने की कोशिश की गई, जिस पर भी कार्यवाही हुई। अब इसे ‘राव मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ के नाम से संचालित किया जा रहा है।
निरीक्षण में मिली थी गंभीर खामियां:
बीते 24 सितंबर को आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला और विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत की संयुक्त टीम ने हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं। हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज में भारी लापरवाही बरती जा रही थी। इसमें महिलाओं का गर्भाशय नियमों के विरुद्ध निकाला जा रहा था और पैरामेडिकल स्टाफ नर्सिंग होम एक्ट के अनुसार प्रशिक्षित नहीं था। इसके अलावा, कई मामलों में संबंधित थाने को सूचित किए बिना ही सर्जरी की जाती थी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दिया बंद करने का आदेश:
सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने अवैध रूप से चल रहे इस हॉस्पिटल को बंद कराने के लिए एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा को निर्देश दिया है। एसडीएम ने इस पर तुरंत कार्रवाई के लिए तहसीलदार सीता शुक्ला, बीएमओ डॉ. अनंत, सीएमओ शीतल चंद्रवंशी और थाना प्रभारी राजेश सिंह की संयुक्त टीम बनाई है।
संचालक पर अब तक क्यों नहीं हुई कड़ी कार्यवाही?
हॉस्पिटल संचालक राजू साहू पर आरोप है कि वह नाम बदलकर उसी जगह पर हॉस्पिटल का संचालन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ अब तक कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गई है। नियम विरुद्ध तरीके से गर्भाशय निकालने जैसे गंभीर मामलों में संचालक और संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई न होने से लोगों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग पर सवाल:
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और संचालक को मिले अघोषित संरक्षण ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। सीएमएचओ कार्यालय द्वारा 8 अगस्त 2024 को किए गए निरीक्षण के दौरान भी कई खामियां पाई गई थीं। इसके बाद 20 अगस्त 2024 को हॉस्पिटल को बंद करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन हॉस्पिटल का संचालन अभी भी जारी रहा। ऐसे में अब अवैध हॉस्पिटल को बंद कराना सीएमएचओ और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
संकलनकर्ता – रोशन चंद्राकर
