पूजा सच्ची हो तो भगवान स्वयं दरवाजे आते हैं

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निर्मल अग्रवाल ब्यूरो 8959931111

बिल्हा-भगवान शिव की पूजा से हर मनोकामना पूर्ण होती है और अगर वह पूजा प्रदोष काल में की जाए और कथा सुनी जाए तो उसका फल चौगुना प्राप्त होता है।

उक्त वाक्य बिल्हा के श्री राणी सती मन्दिर में आयोजित शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस में राष्ट्रीय संत ललित नागर द्वारा बताया गया। आगे कथा में उन्होंने बताया कि शारदा नामक विधवा महिला अपने छोटे बच्चों के साथ विषम परिस्थितियों से जीवन यापन कर रही थी ने ऋषि पत्नी सुमेधा के कहने पर भगवान शिव की पूजा अर्चना प्रारंभ करती है 3 महीने तक पूजा करते रहती है,एक बार प्रदोष काल के समय शिवजी को जल चढ़ाने जा रही थी और रास्ते में एक बूढ़े व्यक्ति ने जल की मांग की उसने उसे जल दिया बाद में पूरे गांव में ढूंढी पर उसे वह कहीं नहीं मिला,वो दोबारा जब जल लेकर मंदिर पहुंची तो वह बूढ़ा व्यक्ति मंदिर में ही बैठा था,उसने उसे अपनी बात बताई कि मेरे आगे पीछे कोई नहीं है मेरी मृत्यु निकट है मेरी सारी संपत्ति का वारिस मैं तुम्हें बनाता हूं।

जो लोग उसके आसपास भी नहीं आते थे अब उसके पास काम मांगने आने लगे शिव की भक्ति का ऐसा उसे फल मिला कि वह रंक से राजा बन गई।


भगवान श्री राम वनवास गए तब केवट के द्वारा उनके चरण धोएं गए, वह पूर्व जन्म में एक कछुआ था, जोकि भगवान शिव की भक्ति करता भगवान शिव से वरदान लिया कि मैं भगवान विष्णु के चरण को स्पर्श करना चाहता हूं,क्षीर सागर माता लक्ष्मी और शेषनाग ने चरण स्पर्श करने नहीं दिए, तो भगवान शिव ने कहा इंतजार कर तुझे विष्णु के चरण स्पर्श करने व धोने अवश्य मिलेंगे, भगवान शिव की पूजा अर्चना से भगवान विष्णु के दर्शन की प्राप्ति होती है।

उक्त शिवमहापुराण कथा का आयोजन अपने माताजी की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्य यजमान राजेश कुमार साहू -किरण साहू ,जलेश्वर साहू -गोदावरी साहू,
योगेश साहू -आराधना साहू द्वारा कराया गया है। कथा श्रवण करने भक्तों का सैलाब उमड़ रहा और नगर का वातावरण भक्तिमय होता जा रहा है।

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