रायपुर (छत्तीसगढ़): रविवार शाम राजधानी रायपुर एक ऐसे सनसनीखेज प्रदर्शन का गवाह बना, जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया। गौ रक्षा से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता आदेश सोनी ने गौ हत्या के विरोध में अपनी छोटी उंगली चपड़ से काटकर अलग कर दी, और यह पूरी घटना शहर के व्यस्त सड़क के बीचोंबीच हुई।
विरोध या आत्मघात? लोग रह गए दंग
घटना रायपुर के एक प्रमुख चौक की है, जहां आदेश सोनी अचानक सड़क के डिवाइडर पर बैठे और बिना किसी डर के अपने हाथ की उंगली काट डाली। इस दौरान मौजूद लोग हक्का-बक्का रह गए। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो आदेश ने कहा:
“जब निर्दोष गायों का गला काटा जाता है, तब हत्यारों के हाथ नहीं कांपते, तो गौ माता की रक्षा में बलिदान देने से हमारे हाथ क्यों कांपें?”
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग मौके पर पहुंचा
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। आदेश सोनी को फौरन अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उंगली पूरी तरह कट चुकी थी, लेकिन उनकी हालत स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है।
पुलिस ने आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है और वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है।
समर्पण या चरमपंथ? सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंटा समाज
सोशल मीडिया पर आदेश सोनी की यह तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। जहां उनके समर्थक इस कदम को “असाधारण साहस” और “गौ माता के लिए बलिदान” बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे “अविवेकपूर्ण” और “खतरनाक उदाहरण” मान रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि:
“विरोध का तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे समाज जागरूक हो, न कि ऐसा जिससे खुद की जान को खतरा हो।”
गौ रक्षा की दिशा पर बड़ा सवाल
छत्तीसगढ़ में गौ हत्या और तस्करी पहले से ही एक संवेदनशील और विवादित मुद्दा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गौ रक्षा का आंदोलन अब भी दिशा और संतुलन की तलाश में है? क्या आत्मबलिदान से समाज जागेगा, या यह रास्ता खुद आंदोलन को कमजोर करेगा?
Author: Deepak Mittal










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