पुणे: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए वन हेल्थ अप्रोच अपनाना जरूरी है, जिसमें इंसानों, जानवरों और पर्यावरण तीनों की सेहत पर एक साथ ध्यान दिया जाए।
मुख्य बिंदु:
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डॉ. बहल ने कहा कि पिछले 100 साल में अधिकांश महामारियां वायरस और जानवरों से फैली बीमारियों के कारण हुई हैं। उन्होंने कोविड-19 का उदाहरण देते हुए बताया कि यह महामारी भी जानवरों से उत्पन्न हुई थी।
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वैज्ञानिकों, इंडस्ट्री और बड़े संस्थानों से उन्होंने अपील की कि वे बीमारियों पर लगातार नजर रखें और दवाइयों और वैक्सीन की तैयारी हमेशा बनाए रखें।
VIROCON 2025 सम्मेलन:
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ये बातें डॉ. बहल ने पुणे में आयोजित VIROCON 2025 नामक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही।
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इस तीन दिनी सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा, थाईलैंड और भारत सहित 650 से अधिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
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सम्मेलन की थीम थी: ‘इंसानों, जानवरों और पौधों के वायरस में बदलते हालात और बेसिक साइंस, इनोवेशन और पब्लिक हेल्थ का समन्वय’।
महत्वपूर्ण चर्चा:
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वन हेल्थ अप्रोच के तहत भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहने के उपायों पर विचार।
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वायरस की फंडामेंटल रिसर्च, दवाइयों और वैक्सीन की तैयारी और पब्लिक हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने पर जोर।
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डॉ. बहल ने स्पष्ट किया कि महामारी केवल स्वास्थ्य का मामला नहीं है, बल्कि यह मानव, जानवर और पर्यावरण के बीच संतुलन का भी मामला है।
इस सम्मेलन ने भारत और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर भविष्य की महामारियों की रोकथाम और तैयारी के उपायों पर गंभीर चर्चा करने का अवसर दिया।
Author: Deepak Mittal










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