सरगांव क्षेत्र के गांवों में तेजी से चल रहा धर्मांतरण अभियान, प्रलोभन और अंधविश्वास का सहारा
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
सरगांव- सरगांव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बीते कुछ समय से धर्मांतरण की गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर मनियारी और शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांवों में कुछ जाति विशेष के लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसके लिए प्रलोभन, झाड़-फूंक और अंधविश्वास का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि न तो आम लोग इस ओर ध्यान दे रहे हैं और न ही हिंदूवादी संगठन इस बढ़ती गतिविधि से सतर्क नजर आ रहे हैं, और न ही प्रशासन का इस ओर ध्यान है जिसके चलते धर्मांतरण करने वाले अपने पांव जमाते नज़र आ रहे।
अंधविश्वास और प्रलोभन का जाल
जानकारी के अनुसार, धर्मांतरण करने वाले लोग असाध्य बीमारियों को ठीक करने का झांसा देकर ग्रामीणों को अपने प्रभाव में ले रहे हैं। प्रार्थना के नाम पर उनकी मानसिकता बदलने की कोशिश की जा रही है, जिससे वे धीरे-धीरे अपनी पारंपरिक पूजा-पद्धति को छोड़कर नया धर्म अपनाने को मजबूर हो रहे हैं। यह गतिविधि चोरी-छिपे लेकिन बड़े सुनियोजित तरीके से चलाई जा रही है।
सरगांव, खजरी, चुनचुनिया, बड़ियाडीह, और आसपास के अन्य गांवों में भोले-भाले ग्रामीणों को पूरी तरह से ब्रेनवॉश किया जा रहा है। इन गांवों में विशेष रूप से एक जाति वर्ग के लोग इस धर्मांतरण के जाल में फंस रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ स्थानीय शासकीय कर्मचारी भी इस खेल में शामिल हैं, जो अपने संपर्कों का उपयोग कर धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिल रहा।
बाहर ले जाकर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन
मिली जानकारी के अनुसार, सरगांव और आसपास के ग्रामीणों को बिलासपुर और भाटापारा के पास के कुछ गांवों में प्रार्थना सभा करने के लिए ले जाया जाता है। वहां विशेष रूप से आयोजित धार्मिक सभाओं में उन्हें शामिल कर, नए धर्म के प्रति आस्था बढ़ाने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। उनकी आपसी सामाजिक कमजोरियों को मुद्दा बनाकर उनका ब्रेनवाश कर धर्मांतरण की ओर अग्रसर किया जा रहा ।
वायरल वीडियो ने किया खुलासा
हाल ही में बिलासपुर के हिंदू संगठन के सदस्यों द्वारा दर्रीघाट के लावर ग्राम में चल रहे एक प्रार्थना स्थल का वीडियो वायरल किया गया था। इस वीडियो में सरगांव के निकटवर्ती गांव के एक व्यक्ति और उनके दो पुत्रों को दिखाया गया था, जो वहां प्रार्थना में शामिल हुए थे। यह वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसके बाद यकीनन वे मामले से अवगत हुए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों स्थानीय प्रशासन इस तेजी से फैल रहे धर्मांतरण पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है? क्या प्रशासन इस गतिविधि से अनजान है या फिर जानबूझकर आंख मूंदे बैठा है?
बिलासपुर में दिखी सक्रियता
धर्मान्तरण मामले को लेकर बिलासपुर के सर्व हिन्दू संगठन में असर देखने को मिला है जिन्होंने पहले कोनी, फिर सिविल लाइन अंतर्गत राजेन्द्र नगर पश्चात दर्रीघाट के लावर ग्राम में चल रहे धर्मान्तरण के सभाओं को नेस्तनाबूत कर अन्य सभी जगहों पे हिन्दू संगठन को इस मामले में आगे आने को सचेत किया है।
रंगे हाथ पकड़ाए ,चेहरे की उड़ी भवाईयाँ
इस मामले में देखा गया कि जंहा जंहा धार्मिक सभा के माध्यम से ब्रेनवाश का कार्य किया जा रहा था पे एकाएक हिन्दू संगठनों द्वारा धावा बोले जाने पर रंगे हाथ पकड़ाने की स्थिति में गोलमोल जवाब देते चेहरे से भवाईयाँ उड़ती देखी गयी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीण क्षेत्रो में इस बढ़ते धर्मांतरण अभियान को रोकने के लिए प्रशासन और हिंदू संगठनों की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, या फिर यह सिलसिला यूं ही जारी रहेगा ।
