केन्द्रीय विद्यालय बिलासपुर हुआ हिंदीमय
(गौतम बाल बोंदरे ) बिलासपुर l केंद्रीय विद्यालय बिलासपुर में हिन्दी दिवस पूर्ण हर्षोल्लास से मनाया गया। हिन्दी पखवाड़े के शुभारंभ पर विद्यालय में अनेक कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्यालय की प्राचार्य अर्चना मर्सकोले ने दीप प्रज्ज्वलित करके हिन्दी पखवाड़े का शुभारंभ किया। तत्पश्चात विद्यालय की छात्रा इशिता पंकज ने हिन्दी दिवस पर प्रेरणादायक कविता प्रस्तुत किया। लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय के विद्यार्थियों ने देशभक्ति भाव से युक्त हिन्दी कविताएँ प्रस्तुत की।
कक्षा पहली से पाँचवी की विद्यार्थियों ने हिन्दी भाषा के महत्व को बताते हुए भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की जो अत्यंत आकर्षक व प्रेरणादायक था। विद्यार्थियों ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य की विकास यात्रा को अत्यंत रुचिकर ढंग से प्रस्तुत किया जिसने सबको रोमांचित कर दिया। उन्होंने कवि कबीरदास, मीराबाई, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, सुभद्राकुमारी चौहान की आकर्षक भूमिका में उनकी रचनाओं को प्रस्तुत किया। राजभाषा कार्यान्वयन समिति के समन्वयक सुनील पाण्डेय ने भूमंडलीकरण के दौर में हिन्दी की उपयोगिता, महत्व एवं प्रासंगिकता पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाली भाषा है। शिक्षक अभिनव बोस ने हिन्दी को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए कहा कि हिन्दी सभी भारतीय भाषाओं की बहन जैसी है। हिन्दी अत्यंत सरल भाषा है जो सीधे हृदय में उतरती है।
प्राचार्य अर्चना मर्सकोले ने अपने उद्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की अविस्मरणीय भूमिका निभाने वाले साहित्यकारों के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिन्दी जनमन की भाषा है, जो सभी भारतवासियों के प्राणों को स्पंदित करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी मातृभाषा से, अपनी संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी के स्नातकोत्तर शिक्षक चंद्रकुमार जायसवाल ने हिन्दी की प्रेरणादायक मुक्तकों के माध्यम से किया। कार्यक्रम समन्वयक सुनील पाण्डेय ने बताया कि आगामी 15 दिनों तक विद्यालय में राजभाषा हिन्दी पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस अवधि में विद्यालय में हिन्दी भाषा की उत्तरोतर संवृद्धि एवं प्रसार हेतु अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
कार्यक्रम की सफलता में विद्यालयीन शिक्षकों तारा यादव, उमेश कुर्रे, निर्मला साहू, पार्थ भट्टाचार्य, जूही चक्रवर्ती, किरण राठौर,माला शर्मा,सुनील शर्मा, जे लाकरा, रवींद्र यादव एवं अन्य शिक्षकों व कर्मचारियों ने सराहनीय भूमिका निभाई।
