सरकारी वकील का विवादित पोस्ट वायरल — CJI पर जूता फेंकने की घटना पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

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सरकारी वकील का विवादित पोस्ट वायरल — CJI पर जूता फेंकने की घटना पर की आपत्तिजनक टिप्पणी
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की तत्काल कार्रवाई की मांग, बोले—“यह कानून और समाज दोनों का अपमान”

रायपुर। देश के न्यायिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी. आर. गवई पर वकील राकेश किशोर ने जूता फेंक दिया। इस घटना के बाद अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक सरकारी वकील सतीश गुप्ता के सोशल मीडिया पोस्ट ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।

सतीश गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर की शैक्षणिक योग्यता की तुलना CJI गवई से कर दी। उन्होंने लिखा —

“वो ऐतिहासिक पल जब जूता CJI की ओर उड़ा। राकेश ने 71 की उम्र में क्या कमाल की निशानेबाज़ी थी। सनद रहे, वकील राकेश किशोर M.Sc गोल्ड मेडलिस्ट हैं और मुख्य जज बी. आर. गवई तृतीय श्रेणी में B.A. पास।”

यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है, जिसके बाद राज्यभर में वकील और न्यायिक समुदाय में आक्रोश देखने को मिल रहा है।


भूपेश बघेल ने की तत्काल कार्रवाई की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —

“सरकारी वकील होकर न्यायाधीश पर हमले का समर्थन करना न केवल कानून का मज़ाक है, बल्कि यह अनुसूचित जाति समाज का अपमान भी है। सिर्फ़ प्रधानमंत्री के अफ़सोस जताने से बात नहीं बनेगी।”

बघेल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया —

“अगर भाजपा इस वकील को पद पर बनाए रखती है, तो क्या यह नहीं माना जाएगा कि वह इस मानसिकता को संरक्षण दे रही है?”


बार काउंसिल में भी मचा हड़कंप

इस पोस्ट के बाद वकील समुदाय के बीच भी असंतोष बढ़ गया है। कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इसे “अनुशासनहीनता और न्यायपालिका का अपमान” बताया है। सूत्रों के मुताबिक, हाईकोर्ट प्रशासन इस प्रकरण पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है और जल्द ही राज्य सरकार को सिफारिश भेजी जा सकती है।


सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं

जहां एक ओर कुछ लोग सरकारी वकील की टिप्पणी को “घोर आपत्तिजनक” बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में रखकर देख रहे हैं। हालांकि, इस बयान ने राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर गंभीर बहस को जन्म दे दिया है।

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Author: Deepak Mittal

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