गोरखपुर (दक्षिणांचल) : उरुवा ब्लॉक के रामडीह गांव में हाल ही में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में रेबीज संक्रमित गाय के कच्चे दूध से बना पंचामृत पीने के बाद करीब 150 ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वहीं गाय की मौत ने गांव में भय और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया।
स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में अब तक 70 से अधिक ग्रामीण एंटी-रेबीज वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी पंचामृत पीने वालों को तीन डोज देने की योजना बनाई है, जिसमें पहली डोज के तीन दिन बाद दूसरी और सातवें दिन तीसरी डोज दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार, करीब तीन महीने पहले धर्मेंद्र गौड़ की गाय को आवारा कुत्ते ने काटा था। गाय का उपचार न कराने के कारण यह बीमारी के चपेट में आ गई। धार्मिक आयोजन में पंचामृत तैयार करने के लिए यही गाय का दूध लिया गया, जिससे ग्रामीणों में संभावित संक्रमण का खतरा पैदा हो गया।
स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. जे.पी. तिवारी ने बताया कि सभी प्रभावित लोगों को वैक्सीन दी जाएगी और निगरानी रखी जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और वैक्सीन समय पर लेने की अपील की।
गांव में भय का माहौल है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता से ग्रामीणों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
Author: Deepak Mittal









