रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में शुक्रवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को विशेष EOW कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 30 जून तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। अब इसी दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) लखमा के खिलाफ पूरक चालान पेश करेगी।
ईडी ने इससे पहले पिछले सप्ताह कवासी लखमा की करीब 6.50 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, लखमा की भूमिका इस घोटाले में बेहद अहम रही है, जिसे एक बड़े सिंडिकेट के ज़रिए अंजाम दिया गया।
भूपेश बघेल ने साधा निशाना
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा—
“मैंने कवासी लखमा और विजय भाटिया से मुलाकात की, दोनों की तबीयत ठीक नहीं है। लखमा दिल के मरीज हैं, जबकि भाटिया को एल्ब्यूमिन दिया जा रहा है। कोर्ट के आदेश के बावजूद दोनों को इलाज के लिए जरूरी पुलिस सुरक्षा नहीं मिल रही है। व्यक्तिगत दुश्मनी के तौर पर व्यवहार करना सरासर गलत है। समय बदलते देर नहीं लगती।”
क्या है मामला?
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जांच ED और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) कर रही हैं।
ED ने ACB में FIR दर्ज कराते हुए दावा किया था कि इस घोटाले में करीब 2100 करोड़ रुपये का वित्तीय गड़बड़झाला हुआ। एजेंसी के मुताबिक, तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में एक सिंडिकेट बनाया गया था जिसमें कवासी लखमा के साथ-साथ वरिष्ठ IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी, और व्यवसायी अनवर ढेबर की अहम भूमिका थी।
आगे क्या होगा?
अब 30 जून को लखमा के खिलाफ पूरक चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा, जिसमें कई नए तथ्यों और दस्तावेज़ों को शामिल किए जाने की संभावना है। इससे घोटाले में शामिल अन्य बड़े चेहरों पर भी शिकंजा कस सकता है।
