रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित सुदूर गांवों से राजधानी रायपुर पहुंचे 96 युवक-युवतियों के दल से आत्मीय मुलाकात की। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस विशेष संवाद कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें बस्तर के भविष्य का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इच्छाशक्ति, संवेदना और समावेशी नीति से बस्तर में बदलाव की नई शुरुआत हो चुकी है। आप सभी छत्तीसगढ़ के भविष्य हैं, और हम मिलकर एक नया बस्तर गढ़ेंगे। राज्य सरकार ‘नियद नेल्ला नार’ जैसी योजनाओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की मजबूत नींव रख रही है।”
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि “माओवादी नहीं चाहते कि आपके क्षेत्र में विकास हो, लेकिन हम विकास के रास्ते में आने वाली हर बाधा को हटाएंगे।”
कृषि, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर
सीएम साय ने युवाओं से अपील की कि वे खेती को बढ़ावा दें, शिक्षा पर ध्यान दें और शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन की ओर आगे बढ़ें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार उनके क्षेत्रों में सिंचाई और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है।
बस्तर की आत्मा है उसकी संस्कृति
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बस्तर ओलंपिक’ और ‘बस्तर पंडुम’ जैसे आयोजनों से यह स्पष्ट हुआ है कि बस्तर अब हिंसा नहीं, शांति और विकास का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि बस्तर की कला, संस्कृति और धरोहर को संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
युवाओं ने साझा किए अपने सपने
इस दौरान युवाओं ने भी अपने अनुभव और विचार CM के साथ साझा किए। उन्होंने कहा, “हम बस्तर को बदलना चाहते हैं। हम शिक्षा, खेल, हुनर और सेवा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने हमें नई पहचान और दिशा दी है।”
मुख्यमंत्री साय ने युवाओं से आह्वान किया कि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में परिवर्तन के वाहक बनें और एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध बस्तर के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।
