रायपुर। आबकारी विभाग से जुड़े बहुचर्चित घोटाले में ईकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने विशेष अदालत में छठवां पूरक चालान पेश किया है। इस चालान में कुल 6 आरोपियों—पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अतुल सिंह, मुकेश मनचंदा, नितेश पुरोहित, यश पुरोहित और दीपेंद्र चावड़ा—को नामजद किया गया है।
7 हजार पन्नों के दस्तावेज़ पेश, नए तथ्य अदालत के सामने
EOW ने विशेष कोर्ट को करीब 7,000 पन्नों के सबूत और दस्तावेज सौंपे हैं। यह पूरक चालान अब तक के चालानों में सबसे विस्तृत माना जा रहा है, जिसमें जांच के दौरान सामने आए नए तथ्य, वित्तीय रिकॉर्ड और साक्ष्य शामिल हैं।
चालान पेश करने के दौरान EOW की टीम ने पूरे मामले से संबंधित विस्तृत जानकारी अदालत के समक्ष रखी।
2019–2022 के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोप
मामले में आरोप है कि वर्ष 2019 से 2022 के दौरान आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों और निजी व्यक्तियों ने मिलकर शराब एवं अन्य आबकारी वस्तुओं से जुड़े लेन-देन में गंभीर अनियमितताएँ कीं।
जांच में सामने आया कि इन अनियमितताओं के कारण सरकारी कोष को भारी नुकसान हुआ।
EOW ने स्पष्ट किया है कि चालान में प्रत्येक आरोपी की भूमिका तथा उनके विरुद्ध उपलब्ध साक्ष्यों का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
पहले भी कई चरणों में पेश हो चुके हैं पूरक चालान
इससे पहले भी कई पूरक चालान अदालत में प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जिनमें अधिकारियों व अन्य आरोपियों की कथित भूमिकाओं का विवरण दिया गया था। छठवां चालान मामले को और ठोस बनाते हुए अदालत के समक्ष अतिरिक्त प्रमाण प्रस्तुत करता है।
अब अदालत तय करेगी आगे की सुनवाई की प्रक्रिया
विशेष अदालत में चालान पेश होने के बाद अब न्यायालय आगे की सुनवाई की प्रक्रिया तय करेगा। अदालत आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने, उन्हें न्यायालय में पेश करने तथा अगली तारीख तय करने जैसे कदम उठा सकती है।
मामले पर विशेषज्ञों की नजर, न्यायिक प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे पूरक चालान पेश हो रहे हैं, मामले की न्यायिक प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।
राज्य में भ्रष्टाचार और विभागीय अनियमितताओं से जुड़े इस बड़े घोटाले पर जनता और राजनीतिक हलकों की खास नजर बनी हुई है।
EOW का कहना है कि पूरी जांच निष्पक्ष, तथ्यपरक, और पूरी तरह से कानूनी प्रक्रियाओं के अनुरूप की गई है।
Author: Deepak Mittal









