सत्संग के दौरान चार जोड़ों का दहेज मुक्त विवाह संपन्न।

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बिलासपुर में संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में दहेज मुक्त विवाह और आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन

बिलासपुर: संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में शनिवार को त्रिवेणी भवन, बिलासपुर में एक दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त, नशा मुक्त और व्यभिचार मुक्त समाज की आवश्यकता पर जोर दिया।

सत्संग के दौरान संत रामपाल जी महाराज ने समाज को जागरूक करते हुए बताया कि दहेज प्रथा, नशे की लत और व्यभिचार जैसी सामाजिक बुराइयों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए हमें अपने आचार-व्यवहार में सुधार लाना होगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि परिवारों को केवल भौतिक वस्तुओं से नहीं, बल्कि प्यार और सम्मान से जोड़ने की जरूरत है।

इस अवसर पर संत रामपाल जी ने चार जोड़ो के दहेज मुक्त विवाह का भी आयोजन किया। इन विवाहों में न तो कोई फिजूल खर्ची की गई, न ही कोई बाजा या बैंड का आयोजन किया गया। बिना किसी दिखावे और आडंबर के, केवल पवित्रता और सादगी के साथ यह विवाह संपन्न हुए। संत रामपाल जी के इस प्रयास का उद्देश्य समाज में प्रचलित दहेज प्रथा को समाप्त करना और विवाहों को केवल प्रेम और संप्रग्नता के आधार पर स्थायीत्व प्रदान करना था।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत रामपाल जी के अनुयायी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। संत रामपाल जी महाराज ने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि वे समाज में फैली हुई कुरीतियों और बुराइयों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और एक बेहतर, धर्मनिष्ठ समाज की दिशा में कदम बढ़ाएं।

संत रामपाल जी का यह संदेश न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके सत्संग और विवाह आयोजन ने समाज में एक सकारात्मक बदलाव की नींव रखी है, जो आने वाले समय में देश भर में एक आदर्श बन सकता है।

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Author: Deepak Mittal

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