उत्तराखंड के धराली और हर्षिल इलाके में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद आई विनाशकारी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। अब इस तबाही की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। इसरो और एनआरएससी (राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र) द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह पूरा क्षेत्र मलबे और पानी से तबाह हो गया है।
तबाही की सैटेलाइट तस्वीरें हुईं जारी इसरो ने 13 जून 2024 और 7 अगस्त 2025 की हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें साझा की हैं। इन तस्वीरों में धराली और हर्षिल में बाढ़ के बाद हुए नुकसान की तुलना की गई है। कार्टोसैट-2एस डेटा के जरिए साफ देखा जा सकता है कि लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला हुआ है। कई इमारतें पूरी तरह जलमग्न हैं और नदी ने अपना रास्ता भी बदल लिया है। ये तस्वीरें राहत और बचाव कार्य में अहम भूमिका निभा रही हैं।
24 घंटे चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन धराली में हालात अब भी बेहद गंभीर हैं। राहत और बचाव कार्य बिना रुके लगातार 24 घंटे चल रहा है। सेना और वायुसेना के जवानों के साथ NDRF और SDRF की टीमें युद्धस्तर पर मोर्चा संभाले हुए हैं। चिनूक और MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
Satellite Insights Aiding Rescue & Relief Ops
ISRO/NRSC used Cartosat-2S data to assess the devastating Aug 5 flash flood in Dharali & Harsil, Uttarakhand.
High-res imagery reveals submerged buildings, debris spread (~20ha), & altered river paths, vital for rescue teams on… pic.twitter.com/ZK0u50NnYF
— ISRO (@isro) August 7, 2025
हर्षिल से मातली तक हो रहा हवाई रेस्क्यू हर्षिल में अस्थाई हेलीपैड बनाया गया है, जहां से लोगों को सुरक्षित निकालकर उत्तरकाशी के मातली में ITBP के हेलीपैड तक पहुंचाया जा रहा है। गुरुवार को ही 200 से अधिक लोगों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया। राहत सामग्री, जरूरी दवाइयां और जनरेटर भी चिनूक हेलिकॉप्टर की मदद से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई जा रही हैं। धराली में अब भी कई लोग लापता हैं। इस आपदा में कई परिवार उजड़ गए हैं। जिनके परिजन लापता हैं, उनका इंतजार अब पीड़ा में बदलता जा रहा है। प्रशासन की ओर से लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है, लेकिन मलबे और जलभराव के कारण चुनौती बढ़ती जा रही है।
सरकार और एजेंसियां मुस्तैद राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर हालात को सामान्य करने में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने हालात की निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की है और केंद्र से अतिरिक्त मदद की मांग की गई है।
