दल्लीराजहरा —आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड दल्लीराजहरा की खेल प्रतिभाओं ने एक बार फिर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ब्लॉक के छोटे से ग्राम चिखली की दो बालिकाओं — प्राची पोर्ते और वंदिता — का चयन जूनियर ओपन नेशनल फुटबॉल कैंप के लिए हुआ है। यह उपलब्धि न केवल उनके गांव बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय बन गई है।
दल्लीराजहरा से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित चिखली गांव आज खेल प्रतिभा की नई पहचान बन गया है। यह वही गांव है जहां के बच्चे सीमित संसाधनों के बावजूद अपने जुनून और लगन से राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय कर रहे हैं। हाल ही में रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय फुटबॉल प्रतियोगिता में चिखली के यमित और साधना ने दुर्ग संभाग का प्रतिनिधित्व किया था।
रानी दुर्गावती फुटबॉल क्लब, चिखली के सचिव एवं कोच चन्द्रशेखर पवार ने बताया कि “प्राची पोर्ते और वंदिता दोनों अत्यंत प्रतिभाशाली और अनुशासित खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वे खेल अकादमी रायपुर में अध्ययन कर रही हैं, जहां पर उन्हें एन.आई.एस. कोच सरिता कुजुर से उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा है।”
प्राची पोर्ते अब तक चार राज्य स्तरीय और दो राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। वहीं वंदिता ने भी लगातार मेहनत और समर्पण से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। दोनों बालिकाएं किसान परिवार से हैं और अपने संघर्ष, अनुशासन व खेल के प्रति निष्ठा से अन्य ग्रामीण बालिकाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
बच्चियों के चयन पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। जिला खेल अधिकारी बालोद किशोर मेहरा, सपन जेना, प्राचार्य विनिता सैनी, सरपंच रम्हऊ राम, राष्ट्रपाल पंच, मंजुला यदु, संजय ठाकुर, रोज़र हसीन तिर्की, जे.आर. साहू, ईश्वर लाल बघेल, टामिन साहू समेत अनेक ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दोनों खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
इन बेटियों की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि हौसले बुलंद हों तो संसाधनों की कमी कभी बाधा नहीं बनती।
Author: Deepak Mittal









