दुर्ग। जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। दिखने में पढ़ा-लिखा इंजीनियर, लेकिन असल में खतरनाक तस्कर! पुलिस ने इंजीनियर वैभव खंडेलवाल को नशीली दवाओं की भारी खेप के साथ दबोचा है। आरोपी ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर पहले फर्जी कंपनी बनाई और फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खुद को बड़ा दवा व्यापारी दिखाकर नशीली दवाओं की सप्लाई शुरू कर दी थी।
कुछ दिन पहले पुलिस ने वैभव के पास से 17,208 नशीली गोलियां और 12 सिरप जब्त किए थे। अब उसकी निशानदेही पर तीन और सहयोगियों – कुणाल यादव, वासु सिंह राजपूत और अब्दुल अलीम – को भी गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे। कोई बड़ी कंपनियों से डील करता था, तो कोई ग्राहकों की तलाश कर नशे का जाल फैलाता था।
सूचना पुख्ता होने पर पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को दबोच लिया। तलाशी के दौरान इनके पास से भी अल्प्रज़ोलम जैसी खतरनाक नशीली गोलियां मिली हैं। पुलिस का कहना है कि यह पूरा गिरोह लंबे समय से युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेलने का गंदा धंधा कर रहा था।

Author: Deepak Mittal
