CM साय ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और योगदान को किया नमन
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन समानता, न्याय और मानवाधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है, जिनकी विचारधारा आज भी देश को मजबूत दिशा प्रदान कर रही है।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में एक महार परिवार में हुआ था। उस समय समाज में महार जाति को अछूत समझा जाता था, लेकिन सामाजिक भेदभाव के बीच भी उन्होंने शिक्षा और सामाजिक सुधार का मार्ग चुना। उनके पिता सेना में कार्यरत थे और नौकरी के सिलसिले में परिवार महू में रहता था। बाबा साहेब के पुरखे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव के थे।
1906 में डॉ. अंबेडकर का विवाह रमाबाई से हुआ। रमाबाई ने उनकी शिक्षा और संघर्ष के दिनों में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। दंपत्ति के पांच बच्चे हुए, जिनमें से केवल यशवंत अंबेडकर ही जीवित रहे। 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद रमाबाई का निधन हो गया।
बाद में डॉ. अंबेडकर ने 27 जनवरी 1909 को जन्मीं शारदा से विवाह किया, जो विवाह के बाद सविता अंबेडकर के नाम से जानी गईं। वह एक मध्यमवर्गीय सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थीं। उनके पिता इंडियन मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार थे। सविता अंबेडकर ने 1937 में मुंबई से MBBS की डिग्री हासिल की थी। उस समय किसी महिला का डॉक्टर बनना दुर्लभ और प्रेरणादायक घटना मानी जाती थी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब के विचार और संविधान निर्माण में उनके योगदान ने भारतीय लोकतंत्र को एक मजबूत आधार दिया है। सरकार उनके आदर्शों पर चलते हुए सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
Author: Deepak Mittal









