बाल कलाकार दर्श गुप्ता ने जीता श्रोताओं का दिल“सुनहरे पल… यादें” कार्यक्रम में लता, किशोर और रफ़ी के गीतों से गूंजा

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किरण भदौरिया की रिपोर्ट

समन्वय कला संगीत महाविद्यालय द्वारा स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर, किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी की याद में “सुनहरे पल… यादें” नामक संगीतमय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कराओके और लाइव बैंड के रूप में मंचित हुआ, जिसमें लगभग 25 कलाकारों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष श्री रोहित शुक्ला, उपाध्यक्ष श्री जयप्रकाश मिश्रा, एवं विशिष्ट अतिथियों श्री जेठमल कोटडिया, संजीव गुप्ता, रवि शंकर, नीलकंठ तिवारी आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मक्कड़ एवं संजय देवांगन द्वारा किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन नीलकंठ तिवारी ने किया।

बाल कलाकार दर्श गुप्ता ने लूटी महफिल

केवल 8 वर्ष की उम्र के दर्श गुप्ता ने अपनी सधी हुई प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने फिल्म “कश्मीर की कली” से “ये चांद सा रोशन चेहरा” और “मैंने प्यार किया” से “दिल दीवाना बिन सजना के” गाकर खूब तालियां बटोरीं। दर्श को संगीत और पियानो में गहरी रुचि है।

अन्य उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ

प्रियल देवांगन: “यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं” (इज्जत)

अन्या जैन: “दिल दीवाना बिन सजना के”

रितिशा अग्रवाल: “तुमसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी” (मासूम)

काव्या लोढ़ा: “मेरा दिल पुकारे आजा” (नागिन)

आराध्या गोस्वामी: “तूने रंगीले कैसा जादू किया” (कुदरत)

मान्या जैन: “अजीब दास्तां है ये” (दिल अपना और प्रीत पराई)

वरिष्ठ वर्ग में भी कई बेहतरीन प्रस्तुतियाँ रहीं:

हेमू राम साहू: “आने से उसके आए बहार” (जीने की राह)

प्रकाश सिंह छतरी: “दर्द-ए-दिल” (कर्ज़)

शशि गंधर्व: “मंजिलें अपनी जगह हैं” (शराबी)

भुवनेश्वर जायसवाल: “ओ महबूबा ओ महबूबा”

संतोष यादव: “आने वाला पल जाने वाला है” (गोलमाल)

भानुप्रिया जायसवाल: “बाहों में चले आओ” (अनामिका)

डॉ. बिजन कोटा: “इंतज़ार हो गई इंतज़ार की” (शराबी)

साधना सोनी, देव सोनी: “दिल तो है दिल”, “दिल पर ऐतबार”, “तुम मुझे यूं भुला न पाओगे”

अभय गंधर्व: “तुम मुझे यूं भुला न पाओगे” (पगला कहीं का)

संजय देवांगन: “वक़्त करता जो वफा” (सनम तेरी कसम)

वाद्य संगीत में उत्कृष्ट सहभागिता

ढोलक: चंद्रकांत विश्वकर्मा

गिटार: विक्टर सैमुअल तिर्की, रवि शंकर लहरे, चेतन साहू, रवि देवांगन

तबला: सतपाल सिंह मक्कड़

कांगो: सुनील केसरवानी

ऑर्थोपेड, अंग वादन: अब्दुल अज़ीज़, इरफान खान, विदित सिंह छतरी

अन्य शानदार प्रस्तुतियाँ में शामिल रहे:

सुनील केसरवानी, आशीष सोनी, सुरेश देवांगन, रितेश अग्रवाल, सुनील देवांगन, संबोध श्रीवास्तव, रविंद्र गुप्ता, अमन खान, डॉ. राकेश तिवारी, हरलीन कौर, डॉ. आशुतोष कटाक्वार, जिन्होंने क्रमशः “आज फिर जीने की तमन्ना है”, “ओ मेरे दिल के चैन”, “एक हसीना थी”, “मधुबन में राधिका”, “रूप तेरा मस्ताना”, “जट यमला पगला दीवाना”, “मेरा मन तेरा प्यासा” और “क्या हुआ तेरा वादा” जैसे लोकप्रिय गीतों से कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।

कार्यक्रम रात 1:30 बजे तक चला और दर्शकगण अंत तक उत्साहपूर्वक जमे रहे। यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

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Author: Deepak Mittal

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