हरेली तिहार में झलकी छत्तीसगढ़ की परंपरा, किसान सम्मान और हरियाली का उत्सव
दीपक मित्तल प्रधान संपादक छत्तीसगढ़
रायपुर, ,मुख्यमंत्री निवास परिसर, सिविल लाइंस रायपुर में आज छत्तीसगढ़ की माटी, परंपरा और प्रकृति से जुड़े लोकपर्व हरेली तिहार का उत्सव पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। पूरे परिसर को ग्रामीण परिवेश की झलक देने वाली सजावट से संवारा गया, जहां कृषि संस्कृति और हरियाली की समृद्ध छवि उभरकर सामने आई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रमुख ध्येय किसानों की खुशहाली और समृद्धि है। उन्होंने कहा, “हरेली पर्व केवल खेती का नहीं, प्रकृति और परंपरा का पर्व है, जो हमें अपने मूल से जोड़ता है। प्रकृति हमारी रक्षा करती है, इसलिए हमारा भी कर्तव्य है कि हम प्रकृति की रक्षा करें।”
उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने किसानों के हित में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद और 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा है और इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार कर लिया है। भ्रष्टाचार मिटाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
हरेली तिहार को बताया किसान जीवन का उत्सव
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हरेली को छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और कृषि जीवन का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि “इस दिन को लेकर यह आस्था है कि भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं धरती पर उतरकर किसानों के बीच आते हैं और खेतों का निरीक्षण करते हैं। यही वजह है कि किसान अपने कृषि यंत्रों, बैलों और खेत-खलिहानों की पूजा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं में दी है, जो अब तक देश के किसी भी राज्य द्वारा किसानों के लिए किया गया सबसे बड़ा कार्य है।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक विधायक, निगम-मंडल आयोग के अध्यक्ष और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

Author: Deepak Mittal
