रायपुर। राजधानी रायपुर के अवधपुरी मैदान में आयोजित पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हनुमंत कथा कार्यक्रम का आज तीसरा दिन है। लगातार बारिश के बावजूद श्रद्धालु दूर-दूर से कथा सुनने पहुँचे और कार्यक्रम का आनंद लिया।
इस दौरान शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब धर्मांतरण और नक्सलवाद जैसी बड़ी चुनौतियों से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी राजनीतिक दल से नहीं, बल्कि हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के समर्थक हैं। उनका उद्देश्य समाज में हिंदू एकता और जागरूकता फैलाना है।
पं. शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं को “गुलाम मानसिकता” से बाहर आने की आवश्यकता है, इसलिए वे पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर शासन से अनुमति मिली तो वे जशपुर में धर्मांतरण विरोधी पदयात्रा करेंगे और वहीं हनुमंत कथा का आयोजन भी करेंगे।
विदेशी और नास्तिक ताकतों द्वारा हिंदुओं को कमजोर करने की साजिशों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे 7 से 16 नवंबर तक नई दिल्ली से वृंदावन धाम तक पदयात्रा करेंगे और इसके बाद पुनः छत्तीसगढ़ आएंगे। उन्होंने कहा, “यह भगवान राम और माता कौशल्या की धरती है, यहीं से हिंदू राष्ट्र की भावना साकार होगी।”
गोरक्षा पर सवाल के जवाब में पं. शास्त्री ने कहा कि यदि राज्य सरकार तहसील स्तर पर गोधाम स्थापित करे, जहां 5-5 हजार गोमाताओं को रखा जा सके, तो सड़क हादसे कम होंगे और गायें सुरक्षित रहेंगी।

Author: Deepak Mittal
